BREAKING : बिना परीक्षा पास नहीं होंगे अंतिम वर्ष के विद्यार्थी…सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को नहीं कराने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए साफ कह दिया है कि परीक्षा रद्द करने का अधिकार राज्यों को है, लेकिन छात्र बिना परीक्षा पास नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के गाइडलाइंस को खत्म नहीं किया जा सकता.

जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा की ये छात्रों के भविष्य का मामला है और इसके साथ ही देश में हायर एजूकेशन के स्टैंडर्ड को भी बनाए रखना जिम्मेदारी है. हालांकि कोर्ट ने राज्यों को थोड़ी राहत देते हुए कहा है कि अगर उन्हें लगता है कि महामारी को देखते हुए वे परीक्षाएं कराने में समर्थ नहीं हैं और परीक्षा रद्द करना चाहते हैं तो उन्हें यूजीसी से सलाह लेनी होगी. कोर्ट ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत परीक्षाओं पर फैसला ले सकते हैं, लेकिन छात्रों के भविष्य को देखते हुए यूजीसी से सलाह लेनी होगी.

18 अगस्त को हुई थी आखिरी सुनवाई

इस मामले में छात्रों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव पैरवी कर रहे हैं. यूजीसी की गाइडलाइन के खिलाफ लगाई गई अर्जी पर सुनवाई करते हुए 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. यह मामला जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच में है.

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