कोयला कर्मियों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने की निर्धारित हो समय सीमा: टिकेश्वर सिंह राठौर
कोरबा 24 अपै्रल। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष व कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड सदस्य टिकेश्वर सिंह राठौर ने कहा कि कर्मचारी के मृत्यु उपरांत परिवार की चिकित्सा सुविधाए अनुकंपा नियुक्ति तक बंद कर दिया जाता है। इस सुविधा को जारी रखा जाना चाहिए, साथ ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने की समय सीमा निर्धारित किया जाए। उन्होंने विशेषज्ञ चिकित्सक आंख, कान, नाक, गला, दांत, हड्डी व गायनों की कमी को दूर करने भर्ती या संविदा में रखने का प्रस्ताव रखा।
वेलफेयर बोर्ड सदस्य राठौर ने बताया कि बैठक के दौरान कर्मचारियों से जुड़ी अनेक समस्याओं को प्रमुखता से रखा गया। साथ ही इन प्रस्तावों पर जल्द विचार कर निर्णय लेने कहा गया है, ताकि कोयला कर्मचारियों को इसका फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू वेलफेयर बजट समय पर सभी कंपनी, क्षेत्रों को उपलब्ध कराया जाए, इसके लिए कंपनी की वेलफेयर बोर्ड की बैठक समय पर होनी चाहिए, तभी कंपनी रेवेन्यू बजट क्षेत्रों को समय पर पहुंचेगा और कार्य प्रभावित नहीं होगा। आइआइटीए एनआइटी शासकीय कालेज में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को ट्यूशन फीस व हास्टल फीस की प्रतिपूर्ति किया जाता है। संघ की मांग अनुसार कर्मचारी को प्रतिपूर्ति करने के स्थान पर सीधे संस्थान को ही कंपनी द्वारा फीस का भुगतान किए जाए, ताकि इंकम टैक्स कटने से कर्मचारी को निजात मिले। प्रदूषण बोर्ड से प्रत्येक तीन माह में वाटर एनालिसिस रिपोर्ट प्रत्येक फ़ल्टिर प्लांट के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए, सैप्टिक टैंक का पुन: निर्माण कराया जाए।
कई क्षेत्रों के आवासों में टैंक टूट चुके हैं और गंदगी सीधे नाली में बह रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल पर जेबीसीसीआइ की बैठक में आयुर्वेद. होम्योपेथी के बारे में कहा गया है कि कोल इंडिया वेलफेयर में चर्चा होगी की, आयुर्वेद चिकित्सक भर्ती किए जाए या संविदा पर रखा जाए। आउट साइड मेडिकल रेफरल में एटेंडर को भी सेम क्लास यात्रा करने के लिए एमएआर में सुधार किया जाए। ठेका मजदूरों को आइएमइ भी कंपनी चिकित्सालय में किया जाए। आउट साइड आइएमइ की मान्यता नहीं होना चाहिए, यह माइंस एक्ट 1952 के प्रावधानों के तहत अपेक्षित है। सेवानिवृत कर्मचारियों को सेवानिवृत दिवस में ही सीएमपीएफ, ग्रेच्यूटी, मेडिकल कार्ड सुविधा प्रदान किया जाए।
राठौर ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किया जाना चाहिए। गैर अधिकारी संवर्ग कर्मचारियों को भी पैनेल चिकित्सालय में प्राइवेट व सेमीप्राइवेट रूम उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि मेडिसिन 2355 रेट कांट्रैक्ट में है, पर वर्तमान में 70 से अधिक उपलब्ध नहीं है। पेमेंट की आवश्यकता के अनुरूप मेडिसिन बाहर खरीदने लिखा जाता है जिससे इंकम टैक्स काटा जा रहा है, इस पर पर रोक लगाते हुए समुचित दवा उपलब्ध कराई जाए। आउटसोर्सिंग में कार्यरत कर्मचारियों को आवास, चिकित्सा सुविधा व साप्ताहिक अवकाश सुरक्षा प्रदान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही कंपनी के सभी क्षेत्रीय चिकित्सालयों को निरीक्षण कर अपडेट किया जाना आवश्यक है और मेडिसिन की क्वालिटी पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए।