अमोलक सिंह भाटिया को नहीं मिली अग्रिम जमानत

फोटो- जिला न्यायालय परिसर कोरबा

स्पेशल कोर्ट ने किया अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज

कोरबा 21 अप्रेल। छत्तीसगढ़ के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया सहित 8 लोगों के खिलाफ सिटी कोतवाली कोरबा में दर्ज अपहरण और भयादोहन के मामले में स्पेशल कोर्ट ( एस सी एस टी ) कोरबा के विद्वान न्यायाधीश राजीव कुमार के समक्ष प्रस्तुत अग्रिम जमानत के आवेदन पर आज फैसला सुनाया गया। विद्वान न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज कर दिया।

न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार शराब कारोबारी और केबल व्यवसायी अमोलक सिंह भाटिया ने सिटी कोतवाली में दर्ज षड्यंत्र, अपहरण, धमकी और भयादोहन के मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जिसे न्यायालय ने खरिज कर दिया। मामले में सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक कमलेश उपाध्याय ने शासन की ओर से आरोपियों को अग्रिम जमानत देने पर आपत्ति की।

क्या है मामला ?

प्रार्थी अरविंद सिंह की ओर से दर्ज कराई गई पुलिस रिपोर्ट में आरोप है कि अरविंद सिंह 9 अप्रैल 2023 को ट्रांसपोर्ट नगर के पास के होटल आकाश में ठहरे थे। उसी दिन निलेश दुबे का उनके पास फोन आया। उसने कांफ्रेंस में गुरविंदर भाटिया, प्रिंस भाटिया व सोना भाटिया से उनकी बात कराई। उन्होंने दर्री थाना में पूर्व में दर्ज कराई एफआईआर वापस लेने के लिए कहा। लालच दिया, कहा कि कोरबा छोड़कर अन्य स्थान चले जाए और वहां नए सिरे से कारोबार करें। गुरुविंदर भाटिया ने कहा कि उसने अपने कर्मचारी को होटल के पास पेपर लेकर भेजा है, उसे पढ़ लें और हस्ताक्षर कर दें। अरविंद सिंह होटल से नीचे उतरे तो कुछ ही दूर पर एक सफेद रंग की स्कार्पियो खड़ी हुई थी।

आरोप है कि अरविंद सिंह का गुरु घासीदास चौक स्थित होटल आकाश के सामने खड़े उक्त सफेद स्कॉर्पियो में बंदूक की नोक पर अपहरण किया गया और केस वापस लेने के लिए धमकाने के साथ-साथ लाखों रुपए देने का प्रलोभन देते हुए भयादोहन किया गया। आरोप है कि अरविंद सिंह को धमकी देते हुए जबलपुर और फिर भोपाल बुलाकर वहां भोपाल के न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से दर्री थाना में दर्ज केस को वापस लेने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया गया है।

बताया जाता है कि दर्री पुलिस की ओर से अरविंद सिंह की द्वारा पूर्व में की गई शिकायत की जांच में कथित रूप से अमोलक सिंह भाटिया और बबलू भाटिया का भी नाम संलिप्त पाया गया है। इसके बाद से इस केस को वापस लेने के लिए अरविंद सिंह पर दबाव बनाया जा रहा था।

गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज

जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली कोरबा के मानिकपुर चौकी पुलिस ने अरविंद सिंह की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 253/ 2023 आई पी सी की धारा 365, 384, 386, 506, 120 बी के अंतर्गत प्रदेश के बड़े शराब ठेकेदार और कथित केबल कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके रिश्तेदारों बबलू भाटिया, गुरविंदर सिंह भाटिया, प्रिंस भाटिया, सोना भाटिया, कमलेश यादव, नीतिन यादव, मुरारी सहित कुल 8 लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र रचने, अपहरण करने, भयादोहन कर धमकी देने और दस्तावेजों में जबरदस्ती हस्ताक्षर करने का अपराध पंजीबद्ध किया है। मामले को पुलिस ने संवेदनशील श्रेणी में रखा है।

दर्री थाना की शिकायत में क्या है?

जानकारी के अनुसार अरविंद सिंह का केबल संचालन का काम है। 3 अगस्त 2022 को सेटअप बॉक्स की क्लोनिंग और फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने की उन्होंने दर्री पुलिस से शिकायत की थी। इस पर दर्री थाने में पुलिस ने आरोपी जयपाल सिंह उर्फ विक्की गुलाटी, अंजन चौधरी, भास्कर चटर्जी, करन सिंह ठाकुर, उदय प्रताप सिंह, संतोष पटेल, प्रकाश गुप्ता, आशीष नामदेव, पुरुषोत्तम कर्ष, अजय गुप्ता, सतीश, वेदपुरी गोस्वामी, गंगापुरी गोस्वामी, राजीव पंजारिया और बृजेश यादव के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत केस दर्ज किया था। मामले की जांच में शराब ठेकेदार और कथित केबल संचालक अमोलक सिंह भाटिया और बबलू भाटिया की भी संलिप्तता पाई गई थी। इसके बाद अलग-अलग लोगों ने केबल व्यवसाय को प्रभावित करने व दफ्तर में कब्जा करने की कोशिश की।

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर के 63, न्यू देवास रोड निवासी अरविंद सिंह पनवार पिता स्व हरिसिंह (43) द्वारा कोरबा पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार वे कई सालों से लीज पर लेकर मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में केबल व्यवसाय करते आ रहे हैं। गत 3 अगस्त 2022 को उन्होंने कोरबा जिले के दर्री थाना में सेटअप बाक्स की क्लोनिंग कर फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद हाल ही में उन्होंने बन्दूक की नोंक पर अपने अपहरण की रिपोर्ट कोतवाली कोरबा की मानिकपुर चौकी में लिखाई है।

बिलासपुर में एक और मुकदमा

यहां उल्लेखनीय है कि इस महीने में अमोलक सिंह भाटिया ग्रुप के खिलाफ यह दूसरा आपराधिक मामला है। इससे पहले बिलासपुर के तारबाहर पुलिस थाना में प्रकरण दर्ज किया गया था जिसमें ऑफिस में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ करने का आरोप है। इस मामले में तारबाहर थाना पु ने अपराध क्रमांक 106/ 2023 दिनांक 4 अप्रेल 2023 आई पी सी की धारा 323, 34, 427, 452, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

क्या है पुलिस रिपोर्ट ?

प्रार्थी तारिक जाफ़र ने तारबाहर पुलिस थाना में बी सी सी के संचालकों अमोलक सिह भाटिया, बबलू भाटिया, सुजित बेरिया और उनके अन्य लोगो द्वारा ग्रैंड विजन बिलासपुर के आप्टिकल फाईबर को काटने, कर्मचारियो और केबल आपरेटरो को धमकी देने तथा कार्यालय में बलात घुसकर तोडफोड – मारपीट करने की रिपोर्ट 4 अप्रेल 2023 को की थी। रिपोर्ट में प्रार्थी ने कहा है कि- हमारे द्वारा बिलासपुर और आस पास के क्षेत्र में स्थानीय केबल आपरेटरो की मांग पर केबल टी वी के प्रसारण हेतु स्थानीय आपरेटरों को डिजिटल सिग्नल व सेट टाप बाक्स रियायती दर पर उपलब्ध कराया गया है। हमारी डिजिटल क्वालिटी, सेवा और रियायती दर की वजह से बहुत ही कम समय में बिलासपुर और आस पास के क्षेत्र में हमसे बहुत से केबल आपरेटर जुड कर अपने क्षेत्र में हमारा प्रसारण कर रहे है, जिससे बौखला कर हमसे व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा न कर पाने से बी सी सी के संचालकगण अमोलक सिह भाटिया, बबलू भाटिया, सुजित बेरिया और उनके कर्मचारी व अन्य लोग हमारे प्रसारण करने के आप्टिकल फाईबर को काट देते है और हमारे कर्मचारियो को डरा धमका कर हमारा प्रसारण बाधित करते हैं। हमारे उपभोक्ताओ को मनोरंजन से वंचित होना पडता है । उपरोक्त व्यक्तियो द्वारा बिलासपुर और आस पास के केबल आपरेटरो को भी हमसे जुडने पर धमकी दी जा रही है। बी सी सी के संचालकों अमोलक सिह भाटिया, बबलू भाटिया के कहने पर कर्मचारी सुजित बेरिया और तीन चार अन्य लोग दिनांक 26/03/2023 को दोपहर लगभग 3 से 4 बजे के बीच हमारे व्यापार विहार स्थित ग्रैंड विजन कार्यालय में लाठी डंडा लेकर बलात् घुस कर हमारे कर्मचारियों से मुक्का और डंडा से मारपीट करते जान से मारने की धमकी दिए व तोडफोड किये है जिससे हमारे सभी कर्मचारी डर और दहशत में है और कुछ कर्मचारी तो काम छोडकर चले गये है। इस घटना को मिथलेश खरे देखा है। अत: आप से नम्र निवेदन है कि बी सी सी के संचालकों अमोलक सिह भाटिया, बबलू भाटिया अन्य और उनके कर्मचारी सुजित बेरिया व उनके साथी पर नियमानुसार कठोर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करे, जिससे शहर में शांति व्यवस्था बनी रहे और स्थानीय केबल आपरेटर भयमुक्त होकर अपना व्यवसाय कर सके।

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