बालिकाओं और युवतियों को सिखाए जा रहे आत्मरक्षा के गुर

कोरबा 21 अप्रैल। महिला संबंधी अपराधों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सतर्कता बरते जाने के साथ आत्मरक्षा के गुर सिखाने को लेकर ध्यान दिया जा रहा है। प्रोफेशनल ट्रेनर के साथ-साथ महिला पुलिस कर्मी इस काम में लगी हुई हैं। अलग-अलग स्थान पर पहुंचकर बालिकाओं, युवतियों और महिलाओं को बताया जा रहा है कि आपात स्थिति में वे किस तरीके से असामाजिक तत्वों को हतोत्साहित कर सकतीं हैं।

लगातार बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम के लिए कई प्रावधान किये गए हैं और आरोपियों को दंडित किया जा रहा है। बताया जाता है कि आपराधिक तत्व लड़कियों को सॉफ्ट टारगेट मानकर अपराध किया करते हैं। ऐसे अपराधियों से खुद की रक्षा करने के लिए मार्शल आर्ट शानदार कला है। इसे साधकर लड़कियां और महिलाएं फिट तो रहेंगी ही, अपनी रक्षा खुद कर सकती हैं। जानकार बताते हैं कि मार्शल आर्ट सीखी हुई लड़कियां छेड़छाड़ करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे सकती हैं। मार्शल आर्ट को सेल्फ डिफेंस ट्रिक्स के रूप में जाना जाता है। इन्हें सीखने के बाद लड़कियां और महिलाएं अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं। मार्शल आर्ट की गोल्ड मेडलिस्ट स्नेहा बंजारी ने विभिन्न संस्थाओं में पहुंचकर इच्छुक बालिकाओं और युवतियों को आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीक से अवगत कराया है। उनका कहना है कि आसान ट्रिक्स अपनाकर हम विपत्ति के दौर में खुद को बचा सकते हैं।

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