रजगामार पंचायत के आर्थिक अनियमिता की स्वतंत्र एजेंसी करे जांच: पूर्व गृहमंत्री कंवर
कोरबा 12 अप्रैल। रजगामार पंचायत में विकास कार्य के नाम पर गई आर्थिक गड़बड़ी में आदिवासी सरपंच की छवि को धूमिल किया जा रहा है। जांच के नाम पर द्वेष पूर्ण कार्रवाई की गई। जिसमें जिला पंचायत सीईओं का हाथ है। पंचायत में हुई गड़बड़ी की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जाए।
इस आशय की लिखित शिकायत करते हुए जांच की मांग पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कलेक्टर संजीव झा से की है। कंवर ने इस पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि सरपंच रामूला राठिया का छवि धूमिल करने के उद्देश्य से बिना जांच की कार्रवाई की गई है। कंवर का कहना है कि आचार संहिता के समय रजगामार पंचायत में शासकीय राशि में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उस समय वर्तमान सरपंच का वित्तीय अधिकार भी प्रभावी नहीं हुआ था। ऐसे में उनके विरुद्ध गबन का मामला तय करना समझ से परे है। कंवर का यह भी कहना कि शिकायत के बाद भी मामले की सूक्ष्मता से जांच नहीं की गई है। आर्थिक गड़बड़ी करने वाले असली आरोपी को प्रशासन बचाने में लगी हुई है।
आदिवासी सरपंच को बदनाम करने के लिए सीईओ जिला पंचायत ने दबाव पूर्ण तरीके से अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से सरपंच पर एफआईआर दर्ज कराया है। जांच अधिकारी ने इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि सरपंच रामुला राठिया के कार्यकाल कितने सचिव कार्यरत थे और कितनी राशि ग्राम पंचायत को जारी किया गया। उस पैसे से कौन.कौन से कार्य हुए हैं। पूर्व गृहमंत्री ने सवाल किया है कि जब जांच अधिकारी को ही यह मालूम नहीं है तो बात की जांच की गई है। मामले में कभी डिप्टी डायरेक्टर पंचायत, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जनपद पंचायत के सीईओ ने अलग-अलग तरीके के किया है। इस तरह से अलग-अलग समय में चार-चार उच्च अधिकारियों का जांच दल गठन किया गया। जांच का आधार क्या है।
इस बात की जानकारी अधिकारिक तौर पर नहीं दी जा रही है। पूर्व गृहमंत्री कंवर का कहना कि मामले की सही जांच नहीं की गई तो वह धरने पर बैठने के लिए विवश होंगे। उन्होने यह भी कहा कि सरपंच रामूला राठिया पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करा चुकी हैं। इसके बाद भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। रामुला राठिया ने जिन पर आरोप लगाया है उन्हे जिला पंचायत सीईओ बचाने का प्रयास कर रहे हैं। कंवर ने कहा है कि प्रशासन तात्कालिक उपसरपंच जितेंद्र राठौर और महिला सचिव को संरक्षण देने पर तुला है। उन्होने कलेक्टर से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।