हाथी समस्या: कटघोरा वन मंडल में भी लगने लगा अत्याधुनिक सजग अलार्म
कोरबा 25 मार्च। जिले के कटघोरा वन मंडल में हाथी समस्या बड़ी समस्या बन गयी है। हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए वन विभाग नित नए उपायों पर प्रयोग कर रहा है। लेकिन अब तक विभाग को इसमें कोई विशेष सफलता नही मिल पायी है। और हाथियो का उत्पात बदस्तुर जारी है। हाथी ग्रामीणों के घर को तोडऩे के साथ ही फसलो को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे है। जिससे ग्रामीण हलाकान है। उत्पात के बीच हाथी जनहानि के अलावा पशु धन को भी निशाना बना रहे है। अब हाथियों के इस उत्पात को रोकने के लिए वन विभाग ने हाथी प्रभावित गांवो में अत्याधुनिक सजग अलार्म सिस्टम लगाने का फैसला किया है। इस फैसले तहत कटघोरा वन मंडल के लगभग तीन दर्जन गांव में अलार्म लगाए जाएगें। इसके शुरूआत वन मंडल के सर्वाधिक हाथी प्रभावित पसान परिक्षेत्र से की गई है। यहां के जलकेएपनगवां तथा बनिया गांव में अत्याधुनिक अलार्म लगया जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हाथी प्रभावित गांव में सजग अलार्म लगाए जाने से हाथियों के आने के जानकारी ग्रामीणों को बस्ती में घुसने से काफी पहले ही लग जाएगी। हाथियों के गांव के निकट पहुंचते ही वहां लगा अलार्म बजने लगेगा। अलार्म की आवाज इतनी तेज रहेगी कि आवाज सुनकर हाथी बस्ती में घुसने के बजाय उलटने पांव जंगल की ओर भागने लगेगा वहीं अलार्म के बजने से गांव वालो को हाथियों के क्षेत्र में पहुंचने की जानकारी हो जाएगी। अलार्म बजते ही ग्रामीण सर्तक होकर अपने अपने घरो मेें अथवा सुरक्षित स्थानों पर चले जाएगें। सजग अलार्म सौर ऊर्जा से संचालित होगा। तथा मोबाईल नेटर्वक से कनेटेड रहेगा। पसान रेंज के गांव में अलार्म लगाए जाने के बाद केंदई परिक्षेत्र में आलार्म लगाए जाएगें। इसके लिए अतिप्रभावित क्षेत्र कोरबी सर्किल के कोरबी, खड़पड़ी पारा, लालपुर, घूंचापुर, बगबुड़ा, डंगबोरा व कापा नवापारा गांव को चिन्हाकित किया गया है। कोरबा वनमंडल के कुदमुरा वनपरिक्षेत्र में स्थित एक दर्जन गांव में अलार्म लगाए जाने का काम पखवाड़े भर पहले ही पूरा कर लिया गया। आगामी दिनों में कोरबा वन मंडल के हाथी प्रभावित अन्य रेंजो में भी अत्याधुनिक अलार्म लगाए जाऐगें। ज्ञात रहे कोरबा जिले के कटघोरा व कोरबा वन मंडल में बड़ी संख्या में हाथी घुम रहे है। यह समस्या अरसे से बनी हुई है। इस समस्याओं के निराकरण के लिए लेमरू हाथी कारीडोर बनाए जाने की कार्य योजना भी बनाई गई है। लेकिन इस दिशा में कोई ज्यादा काम नही हो सका है।
जिले में हाथियो को भगाने के लिए वन विभाग द्वारा इससे पहले भी असम से हाथी विशेषज्ञ पार्वती बरूवा को बुलाया गया था। उनके द्वारा काफी प्रयास किया गया । हाथियो को काबू करने के लिए लेकिन इसमें सफलता नही मिल पायी इसके बाद पश्चिम बगांल की हुल्ला पार्टी को भी बुलाया गया। यह पार्टी भी हाथियों खदेडऩे अथवा काबू पाने में नाकाम रही। हाथियो को भगाने के लिए कंरेट प्रवाहित फेसिंग तार भी उपयोग किया गया । लेकिन यह भी विफल रहा । वन विभाग के उपरोक्त प्रयासो से हाथी समस्या तो दूर नही हो सके लेकिन यह जरूर है कि कई करोड़ रूपये इसमें खर्च हो गए अब हाथियों को भगाने के लिए जिले के वन मंडलो में सजग अलार्म लागया जा रहा है। इस पर करोड़ो रूपए होने है। अब यह देखना यह कि अलार्म सिस्टम हाथियो को भगाने अथवा उत्पात रोकने में सफल होता है कि नही।