महिला समूह को गढ़कलेवा के लिए नही मिला विकल्प
कोरबा 23 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के व्यंजनों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों में गढ़ कलेवा की योजना पर काम कर रही है लेकिन कटघोरा में इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़े महिलाओं के एक समूह को अब तक उचित विकल्प की तलाश नहीं हो सकी है।
जानकारी के मुताबिक बार-बार जानकारी में लाए जाने पर भी प्रशासन उन्हें समुचित स्थान उपलब्ध नहीं करा सका है । इस के चक्कर में महिलाओं को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय कोरबा में गढ़ कलेवा की योजना पर नगर निगम ने भारी.भरकम खर्च किया इसका शुभारंभ किया गया लेकिन बहुत कम समय में यह तब बंद हो गया जब कोविड-19 के खतरे सामने आए। इसके बाद इस बारे में सोचना भी संभव नहीं हो सका क्योंकि गढ़ कलेवा से संबंधित बहुत सारे सामानों की चोरी हो गई। इसके दूसरी तरफ सबडिवीजन कटघोरा में महिलाओं के एक सौ सहायता समूह के द्वारा गढ़ कलेवा की योजना के अंतर्गत काम शुरू किया गया। काफी समय से किराए के परिसर में महिलाओं को अपना काम करना पड़ रहा है और इसके लिए मुझे आर्थिक चपत लग रही है। बताया गया कि महिलाओं ने किसी अच्छे परिसर को उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन से कहां है। काफी समय पहले कलेक्टर ने महिलाओं के आवेदन कोरी मार्क करने के साथ इस दिशा में आगे कार्रवाई करने के लिए मातहत अधिकारी को कहा था। लेकिन स्थानीय स्तर पर किसी प्रकार की रूचि नहीं लेने के नतीजे इस रूप में आ रहे हैं कि महिलाएं अब तक किफायती दर पर अपने कामकाज को संचालित करने के लिए भवन प्राप्त नहीं कर सकी है।
महिलाओं ने बताया कि एक तरफ वूमेन एंपावरमेंट का ढोल पीटा जा रहा है और कई प्रकार के दावे किए जा रहे हैं लेकिन जिस तरह से उनके सामने परिस्थितियां बनी हुई है और आवश्यक सहयोग नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में लगता है कि और कोई प्लेटफार्म पर अपनी बात रखनी पड़ेगी। महिलाएं चाहती हैं कि गढ़ कलेवा सरकार की मंशा के अंतर्गत संचालित होने वाला प्रोजेक्ट है इसलिए कटघोरा क्षेत्र में इसके सुगम संचालन के मामले में प्रशासन के अफसरों को गंभीरता दिखानी चाहिए।