सिंघाली भूमिगत खदान : उपरी जमीन धंसने के कारण हुए गड्ढो में भरा गया मलबा व मिट्टी

कोरबा । सिंघाली भूमिगत खदान एरिया में पुनः हुए भू-धसान गड्ढे में मिट्टी भरने का ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए काम रोक दिया। कटघोरा एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी ने स्थल का जायजा लेने के साथ ग्रामीणों को समझाइश देते हुए कहा कि मिट्टी नहीं भरने से हवा अंदर जाएगी और अन्य स्थल पर भी जमीन धसक सकती है। सुरक्षा की दृष्टि से भी मिट्टी भरना जरूरी है। इसके बाद एसईसीएल प्रबंधन ने मिट्टी भरने का काम शुरू किया।

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की भूमिगत सिंघाली खदान के 17 नंबर फेस के ऊपरी हिस्से में रविवार की शाम एकाएक जमीन धसक गई थी। इसके पहले 26 जुलाई की रात भू-धसान हुआ था, उक्त स्थल से लगभग 45 मीटर दूर हुई इस घटना में भी 10 फीट चौड़ा व 25 फीट गहरा गड्ढा हो गया। जानकारी मिलने पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई थी। सिंघाली के भी अधिकारी स्थल पहुंचे और जायजा लिया। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने विरोध करते हुए अभी तक पहला गड्ढा भरने नहीं दिया, अब दूसरा गड्ढा होने से अप्रिय हादसे का खतरा बना हुआ है, इसलिए प्रबंधन ने सोमवार को गड्ढा भरने का प्रयास किया, पर ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए काम नहीं करने दिया। इस पर एसईसीएल ने कटघोरा एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी को पूरी जानकारी देते हुए गड्ढा भरने की अनुमति मांगी। एसडीएम तिवारी ने स्थल का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों को तत्काल गड्ढा भरने कहा। ग्रामीणों के विरोध करने पर उन्होंने कहा कि जमीन के अंदर हवा जाएगी, तो पुनः भू-धसान होने की संभावना बनी रहेगी। मामले की जांच की जा रही है, पर पहले गड्ढा भरा जाएगा। इसके साथ एसईसीएल प्रबंधन ने गड्ढा भरने का काम शुरू किया। इस मौके पर तहसीलदार रोहित कुमार, महाप्रबंधक एनके सिंह, सबएरिया मैनेजर प्रदीप कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

दो दिन में सर्वे कर दी जाएगी रिपोर्ट

ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम तिवारी ने एसईसीएल के अधिकारियों से कहा है कि खदान के अंदर किस-किस क्षेत्र में काम चल रहा है और ऊपरी हिस्सा कितना प्रभावित हो रहा है। दो दिन के भीतर सर्वे करा पूरी रिपोर्ट जमा की जाएगी, ताकि सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई की जा सके। प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि जल्द ही जूलॉजिकल टीम के साथ सर्वे का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

नहीं तो बंद कराएंगे खदान

दो बार भू-धसान होने के कारण ग्रामीणों में भय के साथ ही आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि भू-धसान से कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। प्रबंधन यह निश्चित नहीं कर रहा कि खदान में कहां-कहां काम चल रहा है। पिछली घटना के बाद अभी तक सर्वे नहीं कराया गया है। यदि एसईसीएल दो दिन के भीतर सर्वे कर जानकारी नहीं देती है तो खदान बंद करा दी जाएगी।

पहले का गड्ढा भी नहीं भरने दिया

सिंघाली खदान के ऊपरी क्षेत्र में 26 जुलाई की रात को पहली बार भू-धसान की घटना हुई थी। ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए खदान का घेराव भी किया। संयुक्त टीम बनाकर सर्वे करने का निर्णय लिया गया। एसईसीएल ने गड्ढा भरने का प्रयास किया, तब ग्रामीणों ने विरोध करते हुए गड्ढा नहीं भरने दिया। जानकारों का कहना है कि यदि पहला गड्ढा भरने दिया जाता तो पुनः घटना नहीं होती।

सीएमपीडीआइ की टीम करेगी निरीक्षण

भू-धसान की घटना को लेकर एसईसीएल प्रबंधन ने अपने पर जांच शुरू कर दी है। सेंट्रल माइंस प्लानिंग एडं डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआइ) की जूलॉजिकल टीम पुनः स्थल का निरीक्षण कर जांच करेगी, ताकि घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके। उल्लेखनीय है कि पिछली बार हुई घटना की रिपोर्ट अभी तक नहीं आ सकी है। इसमें दो माह का समय लगने की संभावना जताई जा रही है।

घोषित किया जाए डेंजर जोन

जिला प्रशासन के माइनिंग इंस्पेक्टर खूंटे ने एसईसीएल के अधिकारियों से क्षेत्र को बैरिकेड लगा कर डेंजर जोन घोषित करने कहा। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अधिकारी विजय सोनी ने भी सेफ्टी की दृष्टि से माइनिंग खनन रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। घटना ग्राम अभयपुर के पटवारी हल्का नंबर आठ में हुई है। अधिकारी व ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचनामा तैयार किया गया। इस दौरान एसईसीएल की ओर से उपक्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप कुमार, राजस्व निरीक्षक वेदराम कौशिक, पटवारी सुनीता साहू, सरपंच सिंघाली राजकुमार, कोटवार श्यामलाल व गजेंद्र सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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