कलेक्ट्रेट में खुलेआम उड़ाया जा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक,अधिकारी बने मूकदर्शक…

शुभांशु शुक्ला

मुंगेली। 10 अगस्त 2020 पूरे देश मे जिस तरह से वैश्विक महामारी कोरोना ने कोहराम मचाया है इससे अभी तक कोई नही बच पाए इससे संक्रमित होने वाले में कौन नेता कौन अभिनेता या फिर कौन आम नागरिक सभी को इसने अपना शिकार बनाया है यही वजह है कि केंद्र सरकार के द्वारा इससे निपटने हर इंतजाम किया जा रहा है और देश के सभी नागरिकों को इससे बचने के उपाय सुझा रहे है बावजूद इसके आम लोगो मे इसको लेकर कोई गम्भीरता अभी भी नजर नही आ रही है ऐसा ही नजारा देखने को मिला मुंगेली कलेक्ट्रेट में जहां दर्जनों महिलाएं अपनी समस्या को लेकर आज कलेक्ट्रेट पहुंची थी जिले के कलेक्ट्रेट में सैकड़ो लोग रोज अपने कार्य को लेकर पहुंचते हैं और अपनी समस्याओं से यहां के अधिकारियों को अवगत कराते है लेकिन जहां खुद जिले के कलेक्टर लोगो की समस्याओं को सुनने मौजूद रहते हैं यहां ही शासन के गाईडलाईन का पालन नही हो पाता है आज भी जब दर्जनों महिलायें अपनी समस्या को बताने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे जहां सोसल डिस्टेंसिंग का खुलेआम मजाक बनाया गया लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी द्वारा इन महिलाओं को कोई समझाईस नही दिया गया और ना ही लॉक डाऊन के नियमो को पालन करने कहा गया अधिकारी तो खुद ऐसे दूर रहे जैसे कोरोना इनको ही ढूंढते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे है अब जब सरकारी कार्यालयों में ही इस तरह से नियमो का मजाक बनाया जा रहा है ऐसे में पूरे जिले में प्रशासनिक अधिकारी इसका पालन क्या करा पाएंगे यही चर्चा आज पूरे दिन आमलोगों में होती रही भले ही कलेक्टर के द्वारा आम लोगो को जागरूक करने और इस महामारी से बचने के लिए कई आदेश जारी करते रहे लेकिन खुद अपने ही कार्यालय में इन नियमो का मजाक बनने से नही रोक पा रहे है ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या इन नियमो का पालन सिर्फ जिले के व्यपारीयो को ध्यान में रखकर बनाया गया है क्या कार्यवाही की तलवार सिर्फ व्यवपरियो के ऊपर लटकती रहेगी कोविड19 से बचने के लिए जो नियम बनाये गए है इसका पालन कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा आम नागरिकों को कोई समझाइश नही दी जाएगी।

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