धनरास राखड़ बांध से प्रदूषण मामले में कलेक्टर ने गठित की जांच टीम

कोरबा 11 जून। नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन एनटीपीसी जमनीपाली की धनरास राखड़ बांध में प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जाने वाले उपायों में लापरवाही बरते जाने के मामले को कलेक्टर में संज्ञान ने लिया है। मामले की जांच के लिए कलेक्टर ने एसडीएम कटघोरा, खनिज विभाग व पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त टीम गठित की है। यह टीम धनरास बांध में डंप किए जा रहे राख व उसके रखरखाव की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।     

विकासखंड कटघोरा के ग्राम नवागांव कला में आयोजित सरकार तुंहर द्वार शिविर में ग्रामीणों ने एनटीपीसी द्वारा धनरास राखड़ बांध में राखड़ के अव्यवस्थित डंपिंग की शिकायत की थी। ग्रामीणों ने एनटीपीसी द्वारा राखड़ के लापरवाही पूर्वक डंपिंग और ठीक से रख रखाव नही करने से धनरास सहित आसपास के गांवों में प्रदूषण फैलने की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। कलेक्टर ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एनटीपीसी द्वारा उत्सर्जित राखड़ का धनरास स्थित राखड़ बांध में किए जा रहे डंपिंग के संबंध में जांच के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी के राखड़ बांध से धनरास समेत आसपास के जटांगपुर, छुरीखुर्द, गांगपुर, झोरा, सलोरा, बिशनपुर, बरेड़ीमुड़ा, चोरभट्टी और नवागांव कला गांव में निवासरत ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जरा सी हवा चलने पर राख उड़ कर न केवल उनके घरों में गिर रही है, बल्कि पानी व भोजन को भी खराब कर रही है। राखड़ बांध ने ग्रामीणों का जीना दुश्र्वार कर दिया है।     

एनटीपीसी कोरबा संयंत्र में प्रतिदिन लगभग 42 हजार टन कोयला जलता है और इसमें लगभग 50 फीसद निकल कर राखड़ बांध पहुंचती है। शत प्रतिशत राख की खपत नहीं हो पाती है। इससे राखड़ बांध भराव की स्थिति में है और गर्मी में राख सूख जाने से हवा चलने पर उड़ कर गांव में पहुंच रही है। एनटीपीसी ने नया राख बांध बनाने के लिए छुरी व धनरास के समीप कोरियाघाट में 1024 एकड़ भूमि का चिन्हांकन किया था। लेकिन इसमें कुछ क्षेत्र लेमरू हाथी अभयारण्य के दायरे में आने की वजह से सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए अनुमति नहीं मिली।

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