कांग्रेस विधायकों ने अपने ही मंत्री को कटघरे में खड़ा किया

कोरबा जिला खनिज न्यास मद में भ्रष्टाचार को बताया निराधार

कलेक्टर रानू साहू को दिया क्लीन चिट

कोरबा 10 मई। जिला खनिज संस्थान न्यास यानि डी. एम. एफ. के कार्यों में कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगने के बाद कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ उनकी ही पार्टी के जिले के दो अन्य कांग्रेस विधायकों ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। राजस्व मंत्री ने जहां कलेक्टर रानू साहू पर डी. एम. एफ. में भ्रष्टाचार और मनमानी करने का आरोप लगाया है, वहीं उनकी ही पार्टी कांग्रेस के कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर और पाली तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा ने कलेक्टर रानू साहू को क्लीन चिट देते हुए राजस्व मंत्री के आरोपों को निराधार और व्यक्गित दुर्भावना से प्रेरित बताया है।

याद रहे कि कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने प्रदेश के खनिज सचिव सह नोडल अधिकारी जिला खनिज संस्थान न्यास को पत्र लिखकर डी. एम. एफ. कोरबा में व्याप्त भ्रष्टाचार और कोरबा कलेक्टर एवं न्यास की अध्यक्ष रानू साहू की कार्यशैली की 06 मई 2022 को शिकायत की थी। इस पत्र में कलेक्टर पर पदस्थापना के समय से खनिज न्यास मद में भ्रष्टाचार, जनहित के कार्यों में रोक लगाने, शासन को करोड़ों रूपयों की क्षति पहुंचाने, न्यास को निजी कम्पनी के रूप में संचालित करने और शासन की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने 09 मई 2022 को आयोजित डी. एम. एफ. की बैठक की सूचना विलम्ब से देने, पूर्व बैठक का कार्यवृत्त उपलब्ध नहीं कराने, बैठक का एजेण्डा नहीं देने का भी आरोप कलेक्टर पर लगाया था।

डी. एम. एफ. में भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर कोरबा कलेक्टर रानू साहू पर आरोप लगाना राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर भारी पड़ गया है। दंबग मंत्री के विरोध के बावजूद कलेक्टर ने जहां 09 मई को खनिज न्यास की बैठक सम्पन्न करा ली, वहीं कांग्रेस के ही जिले के दो विधायकों पुरूषोत्तम कंवर और मोहित केरकेट्टा ने अपनी ही सरकार के केबिनेट मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया है। दोनों विधायकों ने राजस्व मंत्री की शिकायत को व्यक्तिगत दुर्भावना से ग्रस्त बताया है। खनिज सचिव को पत्र लिखकर दोनों विधायकों ने अवगत कराया है, कि 15 सितम्बर 2021 की बैठक में उनके द्वारा
प्रस्तावित कार्यों को कार्य योजना में शामिल किया गया है, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गयी है। दोनों विधायकों ने न्यास की अध्यक्ष कलेक्टर रानू साहू को अनियमितता नहीं करने का प्रमाण-पत्र जारी करते हुए और राजस्व मंत्री की शिकायत को निराधार करार देते हुए मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सबसे मजेदार बात यह है कि दोनों विधायकों के पत्र की भाषा शब्दशः एक है। अंतर केवल वाक्यों के ऊपर-नीचे किये गये प्रयोग में दिखता है। राजस्व मंत्री और दोनों विधायक का पत्र निम्नानुसार है-

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