छत्तीसगढ़ साहित्य पवन नेताम ‘श्रीबासु’ की गज़ल Gendlal Shukla July 26, 2020 गज़लखुद के अंदर अब इंसान कहा रखतें है।इंसानियत के वो ईमान कहां रखतें है।वृद्धाश्रम मे रोते छोड़ आते है माँ-बाप,अब घरो मे पुराना समान कहा रखतें है।फिजूल की वाहवाही रखती है दुनिया,अब सच्चाई की जुबान कहाँ रखतें है।अच्छे दिन का इंतजार कितनो को है,अच्छे संस्कार का ज्ञान कहाँ रखतें है।आजकल कितने मकां बनते है शहर मे,प्रेम वाली वो रोशनदान कहाँ रखते है।उम्र गुजर गई इस शहर मे बसर करतें,सफेद बालो की पहचान कहाँ रखतें है।~~~पवन नेताम ‘श्रीबासु’सिल्हाटी, कबीरधाम (छ.ग.)संपर्क – 08770679568E-mail- pawannetam7@gmail.com Spread the word Continue Reading Previous नवाचार: श्रीमती पूर्णेश डड़सेना पढ़ाई तुहर द्वार के साथ समाचार पत्रों की कटिंग से बच्चों में कौशल विकासNext अबकी राखी में भैया मुझको देना ये उपहार कल्पना कौशिक Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ प्रेरणा सुरक्षा सेहत आयुर्वेद पर भरोसे ने राहत दिलाई सायटिका पीडित को Gendlal Shukla November 24, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ नियुक्ति राजनीति जिले में सांसद का प्रतिनिधित्व करेंगे प्रशांत मिश्रा Gendlal Shukla November 24, 2024 आयोजन कोरबा खेल-खिलाड़ी छत्तीसगढ़ प्रेरणा हार्षित ठाकुर ने बहरीन इंटरनेशनल सीरीज ।। 2024 के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया Gendlal Shukla November 24, 2024