छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ख़ारिज की स्वर्गीय अजीत जोगी को लेकर दायर याचिका



बिलासपुर, 16 जुलाई । बुधवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के जाति मामले में जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट को शासन द्वारा वापस लेने के खिलाफ लगाई गई नंदकुमार साय व संतकुमार नेताम की याचिका को खारिज कर दिया ।
जोगी के खिलाफ एक उच्च-स्तरीय छानबीन समिति ने हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में 22 अप्रैल और 22 जून 2013 को एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया था । जोगी ने तब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि छानबीन समिति ने उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया था । इसके बाद इस रिपोर्ट में खामियों का हवाला देते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट वापस ले ली थी ।
राज्य सरकार के इस निर्णय को धोखा करार देते हुए संतकुमार नेताम और नंदकुमार साय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उस रिपोर्ट को मान्य किया जाये । याचिकाकर्ताओं ने इस सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 11 अक्टूबर 2019 को लिखे गये पत्र को भी आधार बनाया था, जिसमें रिपोर्ट वापस लेने की प्रक्रिया को गलत बताया गया था ।
मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस आरसीएस सामंत की अदालत में हुई जिसमें कोर्ट ने कहा कि शासन के बदल जाने से पूर्व के आदेशों, निर्णयों को किसी दूसरे राजनैतिक दल की सरकार आने पर समाप्त नहीं किया जा सकता । सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि उत्तरदायी सरकार को पूर्ववर्ती सरकार के आदेशों का सम्मान करना चाहिये ।
एक प्रेस नोट में कोर्ट के इस फैसले का डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने स्वागत करते हुए कहा है कि जोगी के आदिवासी होने के गौरव पर कभी आंच नहीं आ सकती ।
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