हाथियों का लगातार उत्पात जारी, दर्रीपारा में फसलों और मकानों को किया क्षतिग्रस्त

कोरबा 24 जुलाई। कटघोरा के पसान रेंज का वन अमला हाथियों के उत्पात को रोक पाने में असफल साबित हो रहा है। प्रतिदिन हाथी गांव में पहुंचकर बड़ी मात्रा में ग्रामीणों के मकान को ढहा रहे हैं तथा फसलों को रौंद कर मटियामेट कर दे रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। तथा उनमें असुरक्षा की भावना घर कर गई है। आक्रोशित ग्रामीणों ने एक बार फिर समस्या को स्थायी समाधान की मांग की है।

जानकारी के अनुसार कटघोरा डिविजन के पसान रेंज के जंगलों में इन दिनों बड़ी संख्या में हाथियों का दल अलग-अलग जगहों पर घूम रहा है। इसी दल में से तीन दंतैल हाथी बेकाबू हो गए हैं। जिसके द्वारा कभी मरवाही तो कभी कभी पसान क्षेत्र में पहुंच भारी उत्पात मचाया जा रहा है। हाथियों द्वारा जहां ग्रामीणों के मकान को ढहा दिया जा रहा है वहीं बाड़ी तथा खेत में धान के थरहा को भी नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है। आज सुबह इन उत्पाती हाथियों का कहर पसान रेंज के दर्री पारा गांव में बरपा। दंतैल हाथी तड़के 4 बजे के लगभग गांव की बस्ती भालूखोंधरा में प्रवेश किया और उत्पात मचाते हुए रामगोपाल यादव, मथुरा प्रसाद प्रजापति, शिवकुमार, रामवती सहित पांच ग्रामीणों के मकान व आहाते को बूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं हाथियों ने मकान में रखे धान-चावल को चट करने के साथ ही घरेलु सामानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया। जाने से पहले हाथियों ने यहां कई ग्रामीणों के धान के थरहे को भी रौंद दिया, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिस समय हाथियों ने ग्रामीणों के घरों को निशाना बनाया उस समय कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। हाथियों का लोकेशन मिलते ही वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी हाथी मित्रदल के साथ शाम को ही पहुंच गए थे और क्षेत्र में हाथियों के आगमन की जानकारी देते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कह दिया था। जो लोग लापरवाही बरत रहे थे, उन्हें अपने वाहनों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।

वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी रात डेढ़ बजे तक हाथियों की निगरानी करते रहे और उन्हें बस्ती में प्रवेश करने से रोके रखा। लेकिन रात डेढ़ बजे के बाद गांव में जमकर बारिश होनी शुरू हो गई। बारिश होने पर वन अमला ढीला पड़ गया, जिसका फायदा उठाते हुए उत्पाती हाथी जंगल से निकले और 4 बजे के लगभग भालूखोंधरा मोहल्ला में उत्पात मचाते हुए पांच ग्रामीणों के मकान गिरा दिए। इस दौरान गांव हाथियों की चिंघाड़ से गूंजता रहा। ग्रामीण दंतैलों के डर से दूबके रहे। हाथियों का उत्पात तकरीबन दो घंटे तक चला। सूरज निकलने के बाद हाथियों ने जंगल का रूख किया, तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और घरों से बाहर निकलकर हाथियों के उत्पात को देखा और इसकी सूचना पसान रेंजर धमेन्द्र चौहान को दी। जिस पर रेंजर चौहान ने अपने स्टाफ को मौके के लिए रवाना किया। वन अमले ने आज सुबह गांव पहुंचकर हाथी प्रभावित लोगों से मुलाकात की और रात में हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का आंकलन किया।

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