टार्च-डंडा लेकर पहुंचीं महिलाओं ने सब स्टेशन में जड़ा ताला

कोरबा 23 जुलाई। लंबे समय से बिजली की लुका-छिपी से परेशान ग्राम कनकी के ग्रामीण उस वक्त नाराज हो गए, जब उन्हें इस अघोषित कटौती के सवाल का माकूल जवाब नहीं मिला। यहां पिछले दो दिन से बिजली भी गुल है। रात को भी जब अंधेरा दूर न हुआ, तो उन्होंने सब स्टेशन पहुंचकर वहां ड्यूटी पर मौजूद आपरेटरों से कारण पूछा, तो वे कुछ नहीं बता सके। पारा सिर से ऊपर जाता देख ग्रामीण आक्रोशित हो गए। रात में घर से टार्च व डंडा लेकर आई महिलाओं ने सब स्टेशन का घेराव करते हुए वहां ताला जड़ दिया। इतना ही नहीं, वे विरोध स्वरूप सब स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए।

कनकी में आए दिन बिजली की अघोषित कटौती से क्षेत्रवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार बिजली गुल हो जाने से लोगों को न दिन में चैन है न रात को आराम। वहीं रात में मच्छर एवं उमस भरी गर्मी से लोग रतजगा करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र के लिए बिजली की समस्या नई नहीं है। काफी लंबे समय से आंख मिचौली का खेल इस क्षेत्र में हो रहा, पर विद्युत विभाग चुप्पी साधे बैठा है। पिछले दो दिनों से गांव में बिजली बंद है जिससे क्षुब्ध होकर कनकी के ग्रामीणों ने विद्युत विभाग लचर व्यवस्था को कोसते हुए रात आठ बजे सबस्टेशन का घेराव कर दिया। ग्रामीण महिलाओं ने हाथ में टार्च और डंडा लेकर सबस्टेशन के सामने जमकर हंगमा मचाया। उन्होंने सबस्टेशन के कर्मचारियों से बिजली बंद करने का कारण पूछा। आपरेटरों के कारण नहीं बताने पर सबस्टेशन में ताला जड़ दिया एवं सभी लोग गेट के सामने धरने पर बैठ गए।

ग्रामीणों व महिलाओं की नाराजगी से तनाव की स्थिति गंभीर होते देख सबस्टेशन के आपरेटरों ने 112 डायल कर पुलिस को सूचना दी। टीम ने पहुंचकर लोगों को समझाइश भी दी, पर वे अपनी बातों पर अड़े रहे। संबंधित विभाग के अधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे। विद्युत व्यवस्था को सुधारने रात 11ः00 बजे तक ग्रामवासी सबस्टेशन के सामने अड़े रहे एवं संबंधित अधिकारी के आने का इंतजार करते रहे। वहीं उन्होंने बार-बार बिजली बंद न करते हुए विद्युत की आपूर्ति कोरबा से कराने की मांग की। लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी के वहां नही पहुंचने पर सभी लोग अपने घर वापस आ गए।

ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिदिन आठ से 10 घंटे बिजली बंद होने से ग्राम कनकी में नल जल योजना के तहत लगाए गए नलों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती। इसके कारण इसी पर निर्भर लोगों को पेयजल के लिए बाहर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिना सूचना के बार-बार बिजली कटौती करना समझ से परे हैं जिसके कारण क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है। दीगर जिले से लेकर यहां तक खंभों के माध्यम से खींची गई तारों की लंबी कतार होने की वजह से गांव में प्रतिदिन बिजली की आंख मिचौली का खेल जारी रहता है।

जिस जिले को ऊर्जा की नगरी कहा जाता है उस जिले के ऐसे गांव जहां पड़ोसी जिले से विद्युत की आपूर्ति की जाती है। जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम कनकी को विद्युत विभाग द्वारा सबस्टेशन तो बनाया गया है लेकिन यहां विद्युत आपूर्ति कोरबा से नही होती बल्कि पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा से बिजली की आपूर्ति की जाती है। इसके अंतर्गत आने वाले ग्राम कनकी, जोगीपाली, डोंगरापारा, कठरापारा, सरैहानार, गुमियाभाठा, भादा, कथरीमाल, बैगापाली, तरदा, सरईसिंगार, जपेली, रंगबेल एवं भलपहरी के लोग बिजली की आंख मिचौली से परेशान हैं।

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