भारत में शामिल होना चाहता है- पी ओ के, कोटली की रैली में किया गया ऐलान

कोटली 6 मार्च। पाक के कब्जे के कश्मीर (पीओके) के निवासियों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ बगावत की आवाज बुलंद करते हुए भारत के साथ जाने का ऐलान किया है। एक रैली के दौरान पीओके के कई सियासी दलों ने मंच से खुलेआम ऐलान किया कि अब हमें पाकिस्ताान के साथ नहीं रहना है।

कोटली
पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के निवासियों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ बगावत की आवाज बुलंद करते हुए भारत के साथ जाने का ऐलान किया है। एक रैली के दौरान पीओके के कई सियासी दलों ने मंच से खुलेआम ऐलान किया कि अब हमें पाकिस्ताान के साथ नहीं रहना है। इस रैली का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता पाकिस्तान सरकार को जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं।

11 फरवरी को हुई थी रैली
बताया जा रहा है कि यह रैली पीओके के कोटली में 11 फरवरी 2021 को आयोजित की गई थी। यह रैली उसी जगह हुई जहां कुछ ही दिन पहले कश्मीर एकता दिवस के नाम पर इमरान खान ने एक बड़ी रैली को संबोधित किया था। 11 फरवरी वाली रैली में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जे के एल एफ) के पीओके क्षेत्र का शीर्ष नेतृत्व भी मौजूद था।

हमने हिंदुस्तान के साथ जाने का फैसला किया
जेकेएलएफ के बड़े नेता ताकीर गिलानी ने इस दौरान मंच से कहा कि जिस तरह से 5 अगस्त 2019 को लॉकडाउन (अनुच्छेद 370 का अंत) के बाद कश्मीर के लोगों का पाकिस्तान से मोहभंग हो गया और उन्होंने भारत के साथ जाने का फैसला किया। उसी तरह से हम लोग (पीओके के निवासी) भी भारत में शामिल होंगे। हम किसी भी विभाजन को स्वीकार नहीं करेंगे।

पाकिस्तान के कारण हमें नहीं मिली आजादी
जेकेएएफ के एक अन्य नेता ने कहा कि हम पाकिस्तान के कारण आजादी से वंचित रहे हैं, भारत से नहीं। भारत ने हमारी कभी आजादी नहीं छीनी, यह पाकिस्तान ने किया। भारत हमारी आजादी की लड़ाई में मदद करने के लिए बाध्य है।

1947 में पीओके पर पाकिस्तान ने किया था कब्जा
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या पीओके जम्मू कश्मीर का वो हिस्सा है जिसपर पाकिस्तान ने 1947 के युद्ध में कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान इसे आजाद कश्मीर कहता है। कहने के लिए यहां पर अलग सरकार है लेकिन इसका प्रशासन पाकिस्तान सरकार ही चलाती है। आजादी से पहले यह हिस्सा जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा हुआ करता था। पीओके की सीमाएं पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से लगती हैं। पूर्व में इसकी सीमा कश्मीर के मिलती है जिसे लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) कहा जाता है।

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