खपाने से पहले पुलिस ने पकड़ी 28 पेटी शराब
न्यूज एक्शन। आचार संहिता लागू होने के साथ ही वारंटियों एवं आपरााधिक तत्वों की धरपकड़ शुरू हो चुकी है। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने पुलिस द्वारा सघन जांच एवं कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश से कोरबा खपाने लाई जा रही शराब को दर्री पुलिस ने ठिकाने लगाने से पहले ही जप्त कर लिया। एक स्कार्पियो वाहन में 28 पेटी महंगी अंग्रेजी शराब लाकर उसे ठिकाने लगाए जाने की मंशा थी, लेकिन इसमें शराब तस्करों को सफलता नहीं मिली। पुलिस कार्रवाई के दौरान स्कार्पियो सवार दो लोग भाग निकले। जिनकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। जिला पुलिस द्वारा कॉम्बिंग गश्त चलाकर अपराधियों पर कार्रवाई की जा रही है।
काम्बिंग गश्त के दौरान जहां सिटी कोतवाली पुलिस ने पिस्टल लेकर घूम रहे आरोपी को धर दबोचा है। वहीं दर्री पुलिस ने भी मध्यप्रदेश से शराब खपाने कोरबा पहुंचे स्कार्पियो वाहन को पकड़ा है। जिसमें 28 पेटी अंग्रेजी शराब भरी हुई थी। जिसकी कीमत ढाई लाख रुपए बताई गई है। पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली थी कि दिलीप सिंह नामक व्यक्ति स्कार्पियो वाहन क्रमांक सीजी-04एच-2232 में अंग्रेजी शराब लाकर उसे संग्रहण करने की फिराक में है। इस सूचना पर पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर स्कार्पियो वाहन को पकड़ लिया, लेकिन उसमें सवार लोग भाग निकले। जिनकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब मध्यप्रदेश से लाई जा रही थी। जिसे होली पर्व एवं चुनाव के दौरान औने-पौने दामों में खपाए जाने की मंशा थी, लेकिन पुलिस ने शराब ठिकाने लगाने से पहले ही उसे जब्त कर लिया गया। कहीं इस शराब का चुनावी कनेक्शन तो नहीं है? इसकी भी विवेचना पुलिस द्वारा की जा रही है।
बड़े-बड़े होटलों में सप्लाई
स्कार्पियो में भरी शराब को शहर के एक रसूखदार के होटल में खपाने की योजना थी। बताया जाता है कि उक्त रसूखदार के होटल में इस तरह की अवैध शराब हर दो दिन में खपती है। रसूखदार होटल संचालक अपनी पहुुंच कोरबा से रायपुर और रायपुर से दिल्ली तक बताता रहता है। इसके अलावा शहर के अन्य ऐसे होटलों में भी अवैध शराब खपती रहती है। जिनकी जांच नहीं की जाती।
व्यापक पैमाने पर मध्यप्रदेश से पहुंचती है शराब की खेप
छत्तीसगढ़ में आबकारी नीति में बदलाव के कारण शराब की अफरा-तफरी करने वालों को इसे ठिकाने लगाने मेंं परेशानी होती है। शराब खरीदी का आंकड़ा मिल जाता है। जिससे तस्करी संभव नहीं हो पाती। यही कारण है कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से शराब की खेप छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सप्लाई की जाती है। कोरबा जिले में भी मध्यप्रदेश से शराब की खेप पहुंचती है। ऐसा नहीं कि शराब कभी कभार ही कोरबा पहुंचती है। बल्कि सूत्र तो बताते हैं कि लगातार शराब की खेप मध्यप्रदेश से कोरबा पहुंचती है। विभिन्न दिन तिथियों में खेप की सप्लाई और भी बढ़ा दी जाती है। वैसे भी पुलिस एमपी से पहुंचने वाली शराब की इक्का दुक्का खेप पर कार्रवाई भी कर चुकी है। लोकसभा चुनाव के दौरान शराब तस्करों की यह सक्रियता और भी बढऩे की संभावना बनी हुई है।
तस्कर है फरार
शराब तस्करी में जिस दिलीप सिंह का नाम सामने आ रहा है, बताया जा रहा है कि वह काफी समय से शराब के धंधे से जुड़ा रहा है। आबकारी ठेका नीति के दौरान कोयलांचल में उसके द्वारा शराब दुकान संचालन भी किया जाता रहा है। इसके अलावा एक टीवी चैनल का रिपोर्टर भी वह खुद को बताता था। सूत्र बताते हैं कि मीडिया की धौंस दिखाकर एवं शराब दुकान के संचालन के कारण उसे शराब तस्करी का पूरा ऑडिया हो चुका था। यही कारण है कि उसके द्वारा व्यापक पैमाने पर मध्यप्रदेश से शराब तस्करी किए जाने की संभावना है। बहरहाल उसके पकड़े जाने के बाद तस्करी के और मामलों से पर्दा उठ सकता है।