धनरास के पास हसदेव नदी तट बना अवैध रेत घाट

न्यूज एक्शन। औद्योगिक नगरी में अवैध रेत घाट बेरोकटोक संचालित हो रहे हैं। इन अवैध रेत घाटों से व्यापक पैमाने पर रेत का उत्खनन कर शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। इसी तरह का एक अवैध रेत घाट इन दिनों धनरास के पास हसदेव नदी तट पर संचालित हो रहा है। रसूखदारों की संलिप्तता और उनके संरक्षण से यह अवैध रेत घाट जमकर संचालित हो रहा है। खास बात यह है कि इस अवैध रेत घाट में बकायदा जेसीबी से रेत उत्खनन कर हाईवा, ट्रक, टै्रक्टर में लोड कर संबंधित ठिकाने पहुंचाया जा रहा है। ऐसा नहीं कि इस अवैध रेत घाट के संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों को भनक नहीं है। बल्कि रसूखदारों और संरक्षण के कारण सांठगांठ का खेल खेला जा रहा है। इस अवैध रेत घाट से रेत का उत्खनन करने वाले रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने खनिज विभाग के अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। शायद उन्हें किसी शिकायत का इंतजार है या फिर रेत माफियाओं की सेटिंग के कारण उनके हाथ बंध गए हैं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन इन दिनों धनरास के पास हसदेव नदी तट पर बना यह अवैध रेत घाट रेत माफियाओं के लिए सोना उगलने का काम कर रहा है। राजस्व की क्षति पहुंचाकर रेत माफिया अपना धंधा जमकर चकमा रहे हैं।
फर्जी रायल्टी का चल रहा खेल
जिले में गौण खनिज का फर्जी रायल्टी का खेल भी जमकर चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि फर्जी रायल्टी के बूते गौण खनिज का उत्खनन कर उसे बेचा जा रहा है। खास बात तो यह है कि फर्जी रायल्टी से होने वाले खनिज उत्खनन एवं परिवहन का बिल भी पास हो जा रहा है। संबंधित विभाग में बैठे अफसरों की सांठगांठ के कारण फर्जी रायल्टी से भी बिल पास करा शासन को राजस्व की दोहरी क्षति पहुंचाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इसकी जांच में बड़ा खुलासा हो सकता है।

Spread the word