कांग्रेस के वादे पूरे हुए तो चिटफंड में डूबी राशि मिल जाएगी वापस

न्यूज एक्शन। छत्तीसगढ़ में परिवर्तन की बयार चल पड़ी है। कांग्रेस ने अपने लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में वापसी कर ली है। कांग्रेस के जनघोषणा पत्र पर जनता ने भरोसा जताते हुए उसे प्रदेश में स्पष्ट बहुमत दिया है। यही कारण है कि अब जनता की निगाहें कांग्रेस की जनघोषणाओं पर टिकी हुई है। वैसे भी अधिकांश चुनावी वादे,वादे ही रह जाते हैं। अब देखना होगा कि क्या कांग्रेस अपने वादों को पूरा कर राजनीति का नया स्वर्णिम अध्याय लिखती है?
कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में 10 लाख बेरोजगार युवाओं को सामुदायिक विकास एवं समाज सेवी गतिविधियों में भाग लेने न्यूतनम प्रति माह मासिक भुगतान सहित चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा वापस दिलाने तथा चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है। कांगेे्रस का यह वादा पूरा हुआ तो निश्चित ही छत्तीसगढ़ की जनता के अच्छे दिन आ जाएंगे। प्रदेश में हजारों, लाखों परिवारों की गाढ़ी कमाई चिटफंड में डूब चुकी है। कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अपनी कमाई का पैसा ही उन्हें नहीं मिल रहा है। प्रदेश में खनिज संपदा की प्रचुरता एवं खदानों तथा औद्योगिक संयंत्रों के भरमार के बाद भी बेरोजगारी का ग्राफ काफी ज्यादा है। अब ऐसे बेरोजगारों को कांग्रेस ने 2500 रुपए महीना देने का वादा किया है। चिटफंड कंपनियों में डूबा पैसा वापस मिलता है। परिवार के बेरोजगारों को नौकरी या 2500 रुपए मासिक मिलने लगेगा तो निश्चित ही प्रदेश की जनता का आर्थिक स्तर सुधर जाएगा। यही कारण है कि छ.ग. की जनता को कांग्रेस के घोषणाओं से भारी उम्मीद हो चली है।

वादे पूरे होने के संकेत
भले ही कांग्रेस मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर उलझी हुई है, लेकिन प्रशासनिक हलके में कांग्रेस के चुनावी घोषणाओंं को पूरा करने की कवायद तेज हो चुकी है। प्रशासनिक हलके में चर्चा आम है कि किसानों के कर्जा माफ की कवायद तेज है। इसके लिए कर्जधारी किसानों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। चूंकि सरकार बनने के दस दिनों के भीतर कांग्रेस ने कर्जा माफ करने का वादा किया है। यह वादा निश्चित ही दस दिनों में पूरा होने की संभावना जागी है। इसके अलावा हॉफ बिजली बिल को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में जनता तो यही सोचेगी की चिटफंड कंपनी में डूबा पैसा और बेरोजगारी भत्ता भी उन्हें मिल जाएगा।

नहींं आए अच्छे दिन
लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था। केंद्र की मोदी सरकार सत्ता में तो काबिज हो गई लेकिन अब तक उसके अधिकांश वादे पूरे नहीं हुए। जब से केंद्र में सत्ता बदली है आम जनता लाईनों में ही खड़ी नजर आई है। मोदी सरकार से भी जनता को काफी उम्मीदें थी। मगर उम्मीदों पर खरा उतरने में शायद केंद्र सरकार ने चूक कर दी है। ऐसे में कहीं भाजपा की तरह ही छत्तीसगढ़ में अच्छे दिन का वादा, वादा ही न रह जाए, यह डर भी जनता को सता रहा है।

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