कांग्रेस राज में आएंगे अच्छे दिन , हाफ होगा बिजली बिल, शराब दुकानों में लटकेगा ताला
न्यूज एक्शन। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अच्छे दिन आएंगे का नारा देकर कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया। चुनावी घोषणाओं में खाते में 15 लाख जमा होगे, काला धन देश में आएगा के ख्वाब जनता को दिखाए गए। मोदी सरकार के कार्यकाल के अब अंतिम छ: माह बचे है। लेकिन अच्छे दिन जनता को नहीं दिखे है। अब प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी घोषणाओं से अच्छे दिनों का वादा कर जनता में उम्मीद बांधी है। देखना होगा कि क्या कांग्रेस के अच्छे दिन वाकई में अच्छे होगे।
लोक लुभावन वादे कर एक बार फिर कांग्रेस सत्ता में काबिज हो गई है। कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र पर जनता ने भरोसा जताते हुए उसे स्पष्ट बहुमत दिया है। कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में सबका बिजली बिल आधा व प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी प्रमुख रूप से शामिल है। ऐसे में आम जनता की निगाह इन दो बड़ी घोषणाओं पर टिकी हुई है। कांग्रेस मंत्रीमंडल गठन की कवायद तेज है। जल्द ही मंत्री मंडल सहित सरकार का पूरा ढंाचा स्पष्ट हो जाएगा। सरकार अपने रंग में आकर चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करने कदम उठाएगी। ऐसा आम जनता सोच रखते है। जनघोषणा पत्र में कांग्रेस ने राज्य में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने सहित अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को शराबबंदी का अधिकार देने का वादा किया है। सबका बिजली बिल आधा करने का वादा भी कांग्रेस ने किया है। वैसे भी राज्य की जनता शराब खोरी और अनाप शनाप बिजली बिल से त्रस्त है। अगर कांग्रेस ने सचमुच अपना चुनावी वादा पूरा कर दिया तो जनता के चेहरे पर खुशी बिखर जाएगी। वैसे भी प्रदेश में बिजली का भारी उत्पादन होता है। बिजली उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ सरप्लस राज्य है। इस लिहाज से राज्य की जनता को आधे बिजली बिल की मांग लंबे समय से उठती रही है। कांग्रेस ने भी इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर यह जता दिया कि वाकई में पावर संयंत्रों का प्रदूषण झेलने वाली छत्तीसगढ़ की जनता को रियायत दर पर बिजली मिलनी चाहिए। शराब खोरी की बात की जाए तो इसने कई घरों को बरबाद कर दिया है। खासकर महिलाएं शराब बंदी की मांग उठाती रही है। प्रदेश में शराब बंदी की मांग अब ज्वलंत हो उठी थी। जिसे कांग्रेस ने चुनाव में अहम मुद्दा बनाकर जमकर भुनाया है। सरकार तो बन गई अब बारी है घोषणाओं को पूरा करने की। देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस अपनी घोषणाओं को पूरा करने में कितना समय लेती है। वैसे भी चुनावी घोषणा पत्र के प्रमुख बिंदुओं को शीघ्र पूरा कर लिया जाता है तो कांग्रेस पर भरोसा बढ़ जाएगा। जनता को भी यह एहसास होगा कि परिवर्तन वाकई जरूरी था।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में रोजाना करोड़ों का शराब व्यवसाय होता है। इससे शासन को अराबों का राजस्व मिलता है। ऐसे में कांग्रेस के लिए पूर्ण शराबबंदी का फैसला लेना आसान नहीं होगा। लेकिन जिस तरह से किसानों के कर्जामाफी को लेकर कांग्रेस ने शीघ्रता दिखाई है उससे मंदिरा प्रेमियों की टेंशन बढ़ गई है। उन्हें लग रहा है कि सरकार जल्द ही शराबबंदी का आदेश जारी करेंगी। ऐसे में मंदिरा प्रेमियों को अपने शाम के जुगाड़ की अभी से चिंता होने लगी है। मयकशों के बीच चर्चा तो यह भी आम है कि शराब का स्टॉक धीरे-धीरे बढ़ा लिया जाए ताकि कुछ दिन तो मजे से बीत जाए।