दिल के मरीजों के लिए आ गई खुशखबरी, ‘हीलिंग पैच’ तैयार

लंदन. जर्मनी के वैज्ञानिकों ने ऐसा ‘हीलिंग पैच’ तैयार किया है, जो हार्ट अटैक से क्षतिग्रस्त दिल की मरम्मत में मददगार हो सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह खोज उन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, जिन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट या महंगे कृत्रिम हार्ट पंप की जरूरत होती है।

गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर गॉटिंगेन के शोध में बताया गया कि दुनिया में 6.4 करोड़ से ज्यादा लोग हार्ट फेलियर से पीड़ित हैं। इससे हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा हो सकता है। वैज्ञानिकों ने बायोलॉजिकल ट्रांसप्लांट तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसा पैच तैयार किया है, जो दिल की सिकुड़ने (संकुचन) की क्षमता बहाल कर सकता है। प्रोफेसर इंगो कुट्स्का के मुताबिक शोध में पहली बार लैब में विकसित जैविक ट्रांसप्लांट इस्तेमाल किया गया, जो दिल की मांसपेशियों को मजबूत व स्थिर करने की क्षमता रखता है।

वैज्ञानिकों ने हीलिंग पैच खून से ली गई कोशिकाओं से बनाया। इन्हें स्टेम सेल की तरह फिर से प्रोग्राम किया जाता है। कोशिकाओं को दिल की मांसपेशी और संयोजी ऊतक कोशिकाओं में बदला जाता है। फिर कोलेजन जेल में विकसित कर विशेष सांचे में ढाला जाता है। हेक्सागोनल पैचों को एक झिल्ली पर लगाया जाता है, जो करीब पांच गुणा 10 सेंटीमीटर की होती है।

शोध के सह-लेखक प्रोफेसर वोल्फ्राम-यूबर्टस जिमरमैन ने बताया कि पैच हार्ट फेलियर से जूझ रहे मरीजों में युवा दिल की मांसपेशियां प्रत्यारोपित करने जैसा है। इससे दिल की कार्यक्षमता में सुधार सुधार होगा। सीधे दिल की मांसपेशी में कोशिकाओं को इंजेक्ट करने से अनियमित धड़कन या ट्यूमर बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नया पैच इन्हें कम करता है।

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