कुरथा गांव में गोलीकांड का पुलिस ने किया खुलासा, मास्टरमाइंड सहित छह आरोपित गिरफ्तार
कोरबा 17 जनवरी। थाना पसान अंतर्गत कुरथा गांव में 6 जनवरी को हुए सनसनीखेज गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना का मुख्य कारण व्यवसायिक असहयोग और राजनीतिक द्वेष बताया गया है। मामले की साजिश पिछले एक साल से रची जा रही थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल, एक पिस्टल, दो मैगजीन और आठ जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।
गत 6 जनवरी की शाम कुरथा निवासी कृष्णा पांडेय अपने घर के बाहर उप सरपंच राम कुमार के साथ बाइक पर जा रहे थे। अचानक गोली चलने की आवाज आई और कृष्णा पांडेय घायल होकर गिर पड़े। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पता चला कि उनकी पीठ में गोली लगी है।मामले की गंभीरता को देखते हुए कोरबी चौकी प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, अति पुलिस अधीक्षक यू.बी.एस. चौहान और अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा पंकज ठाकुर को इसकी जानकारी दी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर साइबर सेल और पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से जांच शुरू की।जांच के दौरान गिरफ्तार मुख्य आरोपी गजेंद्र सोरठे ने खुलासा किया कि वह उप सरपंच राम कुमार और रोजगार सहायक कलेश को रास्ते से हटाना चाहता था। गजेंद्र को शक था कि ये लोग उसके परिवार पर जादू-टोना करते थे और पंचायत चुनाव में उसके लिए बाधा बन सकते थे।गजेंद्र ने अपने साथियों के माध्यम से पिस्टल खरीदी और शिव प्रसाद उर्फ मोनू सारथी के जरिए राज कुमार और राम कुमार सारथी को घटना को अंजाम देने के लिए राजी किया। आरोपियों ने घटना के दिन कृष्णा पांडेय और राम कुमार पर घात लगाकर हमला किया। गोली उप सरपंच राम कुमार को मारने के इरादे से चलाई गई थी, लेकिन वह कृष्णा पांडेय को लग गई।
पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, राम कुमार सारथी (19), निवासी रतनपुर झरनापारा। राज कुमार सारथी (35), निवासी रतनपुर झरनापारा। गजेंद्र सोरठे (27), निवासी कुरथा बुढ़ापारा। शिव प्रसाद उर्फ मोनू सारथी (25), निवासी कुरथा बुढ़ापारा। वीरेंद्र कुमार आर्मो (28), निवासी मोरगा। बलिंदर राजवाड़े (39), निवासी मानीडेडरी।गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। इस चुनौतीपूर्ण मामले को सुलझाने में कोरबी चौकी प्रभारी अफसर खान, साइबर सेल के अजय सोनवानी, और पुलिस टीम के अन्य सदस्यों की भूमिका सराहनीय रही। टीम ने सीमित समय में पेशेवर तरीके से साजिश का खुलासा किया।इस खुलासे से न केवल घटना का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि पुलिस के मजबूत प्रयासों से समाज में कानून व्यवस्था कायम है।