केन-बेतवा लिंक परियोजना: प्रधानमंत्री आज करेंगे शुभारंभ

बुंदेलखंड के लिए बनेगी वरदान, 8 साल में होगी पूरी, मध्य प्रदेश के 10 जिलों को होगा लाभ
पंकज पाराशर

छतरपुर। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल संकट को दूर करने के लिए ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर खजुराहो से करेंगे। परियोजना के लिए 44,608 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है। इसमें केंद्र सरकार 90 प्रतिशत खर्च उठाएगी। बाकी 10 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में सिंचाई और पेयजल समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगी।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने के दृष्टिकोण को साकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खजुराहो के मेला ग्राउंड से 25 दिसंबर को करेंगे। इस परियोजना का दो चरणों में 8 वर्षों में पूरा होगा। प्रथम चरण में मध्य प्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिलों में केन नदी पर दौधन बांध का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए तीन हजार चार सौ करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। बांध के लिए भूमि अधिग्रहण का 60 प्रतिशत पूरा हो गया है।
पहाड़ के अंदर से बनेगी दो 1.1 और 1.9 किमी की दो टनल
केन-बेतवा लिंक परियोजना मध्य प्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर निर्माण की जा रही है। परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध एवं दो टनल का निर्माण किया जाएगा। यहां पर 2,853 मिलियन घन मीटर पानी का भंडारण किया जाएगा। बांध पर टनल अपर लेवल पर 1.9 किमी एवं लोअर लेवल पर 1.1 किमी का निर्माण होगा। इन टनल बांध से 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों में सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा प्रदान करते हुए केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की 65 लाख जनता को मिलेगा सीधा फायदा
परियोजना में दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से मध्य प्रदेश के पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी,सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया कुल 10 जिलों के लगभग दो हजार गावों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 7 लाख किसान परिवारों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। वहीं, उत्तरप्रदेश में 59 हजार क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जाएगा। इससे उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। दौधन बांध के निर्माण से उत्तरप्रदेश में बांधा जिले में बाढ़ की विभीषिका से छुटकारा मिलेगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश की 44 लाख एवं उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। दोनों राज्यों की 65 लाख जनता को होगा फायदा।
103 मेगावॉट जल विद्युत और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा बनेगी
इस परियोजना से प्रदेश में 103 मेगावॉट जल विद्युत और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा बनेगी। इसका पूरा लाभ मध्य प्रदेश को होगा। इसके लिए दो पॉवर 60 मेगावॉट और 18 मेगावॉट के बनाए जाएंगे। दोधन बांध से 60 मेगावॉट और लोवर लेवल टनल से 18 मेगावॉट जलविद्युत का उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा शिवपुरी जिले में ऊर नदी के लोअर ऊर बांध पर 19 मेगावॉट सौर ऊर्जा, सागर में बीना नदी पर बीना परियोजना में 21 मेगावॉट जल विद्युत और विदिशा में बेतवा नदी पर कोठा बैराज में 8 मेगावॉट सौर ऊर्जा बनेगी।
42 तालाब से भूमि होंगी रिचार्ज
परियोजना में ऐतिहासिक चंदेल कालीन तालाबों को सहेजने का कार्य भी किया जाएगा। इससे मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में चंदेल कालीन 42 तालाबों का मरम्मत/ जीर्णोंधार का काम किया जाएगा। इसमें बारिश के पानी को भरा जाएगा। इन तालाबों से भूजलस्तर बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्र को फायदा होगा। वहीं, दौधन जलाशय से पन्ना टाइगर रिजर्व में वन में जंगली जानवरों को साल भर पीने का पानी उपलब्ध होगा।
दूसरे चरण में सहायक नदियों पर बनेंगे बांंध
दौधन बांध बनने के बाद टनल और कैनाल से बेतवा नदी तक पानी जाएगा। कैनाल का पानी सिंचाई में उपयोग होगा। बाकी पानी नदी में छोड़ दिया जाएगा। इसके दूसरे चरण में विदिशा में बेतवा नदी, सागर जिले के बीना में, शिवपुरी में उर नदी पर बांध बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में सात बांधों का निर्माण किया जाएगा।

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