छत्तीसगढ़: 660 करोड़ की दवा खरीदी घोटाले की ई ओ डब्ल्यू से जांच कराने की हुई घोषणा
रायपुर 20 दिसंबर 2024। दवा खरीदी में गड़बड़ी मामले की गूंज आज विधानसभा में सुनायी पड़ी। ध्यानाकर्षण में भाजपा के सीनियर विधायक धरमलाल कौशिक ने सीजीएमएससी की तरफ से की गयी दवा व रीएजेंट खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि CGMSC की तरफ से 660 करोड़ की दवा खरीदी की गयी थी। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। वैसी दवाई और सामानों की खरीदी की गयी, जिसकी ना तो जरूरत थी और ना ही डिमांड की गयी थी।
धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि दवा खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, इसकी जांच की जानी चाहिये। जवाब में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रीएजेंट खरीदी मामले में जांच की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि EOW से रीएजेंट खरीदी की जांच करायी जायेगी। मोक्षित कंपनी की तरफ से रीएजेंट की सप्लाई की गयी है, सदन में इस मामले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया गया। जिस पर मंत्री ने कहा कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा।
दवा खरीदी को लेकर सत्ता पक्ष के ही विधायक लगातार स्वास्थ्य मंत्री को घेरते रहे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि बिना जरूरत और बिना डिमांड के ही रीएजेंट की सप्लाई की गयी। जवाब में मंत्री ने इस बात का स्वीकार किया कि 28 करोड़ का रीएजेंट बर्बाद हुआ है, आने वाले दिनों में ये और भी खराब हो सकता है। भाजपा विधायकों ने दवा खरीदी को लेकर पिछली सरकार में इसे सुनियोजित भ्रष्टाचार बताया। भाजपा विधायकों की मांग पर सदन में मंत्री ने ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा की।
बिना डिमांड कर दी सप्लाई
सीजीएमएससी में रीएजेंट खरीदी में गड़बड़ी के आरोप पहले से लगते रहे हैं। आरोप है कि सीजीएमएससी ने ग्रामीण इलाकों में जहां लैब नहीं है वहां तो खून की जांच में उपयोग होने वाला रीएजेंट भेजा ही, शहर में भी इसकी सप्लाई में जबरदस्त गड़बड़ी की गयी।राजधानी में आउटर के छोटे सरकारी हेल्थ सेंटरों में उरला, भनपुरी, बिरगांव, मंदिरहसौद और अभनपुर में दिल, लीवर, पेंक्रियाज, अमोनिया लेवल और हार्ट अटैक की जांच करने वाला रीएजेंट सप्लाई कर दिया है, जबकि इनकी जांच पीएससी में होती ही नहीं है। जांच करने वाले जरूरी उपकरण और मशीनें भी नहीं है। इसके बावजूद करोड़ों का रीएजेंट केवल खपाने के चक्कर में छोटे-छोटे सरकारी अस्पतालों में डंप करवा दिया गया है।
अमोनिया रीएजेंट भी बड़ी मात्रा में शहर और आउटर के हेल्थ सेंटरों में सप्लाई किया गया है। इस रीएजेंट से अमोनिया लेवल का टेस्ट किया जाता है। ये जांच भी सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर लिखते हैं, जो पीएससी में पदस्थ ही नहीं हैं। लैब में इसकी जांच करने वाला उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। कार्डियेक मारकर कार्डियेक मारकर हार्ट अटैक की स्थिति में उपयोग होता है। इसकी जांच की सुविधा भी पीएससी में नहीं है। इसके बावजूद लाखों का कार्डियेक मारकर रीएजेंट सप्लाई कर दिया गया है।
ब्लड थिकनेस यानी खून का थक्का जमना कोविड के दौरान ब्लड की थिकनेस की जांच के लिए टी टाइमर रीएजेंट का उपयोग किया जाता था। इससे ये पता चलता था कि खून थक्का तो नहीं बन रहा है। ये जांचने की सुविधा किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं है। यहां तक कि जरूरी उपकरण बायोकेमेस्ट्री एनालाइजर भी नहीं है। इसके बावजूद इसे थोक में सप्लाई कर दिया गया है।
लीवर फंक्शन टेस्ट केवल सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर लिखते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एडिनोसिन डीएम इमेज रीएजेंट भेज दिया गया है। इस रीएजेंट से लीवर फंक्शन की जांच की जाती है। इस जांच की सुविधा भी आउटर या शहर के किसी भी छोटे हेल्थ सेंटर में नहीं है। इसके बावजूद यहां भेज दिया गया है।