भाजपा संगठन चुनावः विपरीत हालात में काम करने वालों को मिलेगी भाजपा की कमान

कोरबा 15 दिसम्बर। सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दर्जा केंद्र में सत्तारुद्ध भारतीय जनता पार्टी ने हासिल किया है। छत्तीसगढ़ में इन दिनों भाजपा के संगठन चुनाव पर काम हो रहा है। नई व्यवस्था के अंतर्गत 5 की बढ़ोत्तरी के साथ 24 मंडल और जिले के लिए संगठन ने कई प्रकार के पैरामीटर तय किए हैं। इसके हिसाब से अध्यक्ष का मनोनयन किया जाना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोरबा जिले में किसी भी पद पर पुनरावृत्ति नहीं होगी बल्कि नई जिम्मेदारी मुख्य रूप से उन लोगों को मिलेगी जिन्होंने बीते 5 वर्ष विपरीत परिस्थितियों में संगठन के लिए पूरा जोर लगाया और मेहनत की।

कोरबा जिले में अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह का कार्यकाल बेहतर माना जा रहा है कि सरकार की वापसी अपने नीतियों के कारण हुई । और कोरबा जिले में काफी चुनौती पूर्ण मानी जा रही कोरबा विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत हुई। एक और विधानसभा में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा पिछली बार की तुलना में संख्या में बढ़ोतरी हुई। फिर भी जिला भाजपा अध्यक्ष को लेकर कहा जा रहा है कि मौजूदा अध्यक्ष ना तो दोबारा दावेदारी कर रहे हैं और ना ही पार्टी का संविधान ऐसा करने की अनुमति देता है। मंडल चुनाव को लेकर है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मंडलों में भी हालात कुछ यही है। स्वाभाविक रूप से प्रदेश में सत्ता भाजपा की है इसलिए हर कार्यकर्ता जा रहा है की सक्रिय कार्यकर्ता बनाने से लेकर पिछले दौर में अपनी भूमिका को लेकर दावेदारी कर सकता है। चुनाव को लेकर आयु सीमा को भी एक मानक बना रखा है। कामकाज और कार्य क्षमता भी इस मामले में महत्व रखती है। अभी कहां गया है कि मंडल अध्यक्ष पद के लिए विभिन्न कार्यकर्ता नेताओं से करीबी और अप्रोच को बहुत ज्यादा गंभीरता से ले रहे हैं लेकिन संगठन की नजर में यह गौण है। सूत्रों ने दावा किया कि अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करना एक हिसाब से सर्वाधिक हो सकता है लेकिन ऊपर में बैठे लोगों की अपनी समझ है और वह निर्देशों के तहत अगले काम को करने के लिए कर चुके है। बताया गया कि सत्ता होने पर अनुकूलता होती हैं जबकि सबसे बड़ी बात यह होती है कि कोई भी कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में संगठन की रीति-नीति और उसके द्वारा दिए जाने वाले कार्यक्रमों में किस प्रकार से भागीदारी कर रहा है और अपनी भूमिका को कैसे निभा रहा है। इस दृष्टिकोण से साफ तौर पर कहां गया है कि इस बार कोरबा सहित सभी जिलों में मंडल अध्यक्षों के लिए सबसे ज्यादा विचार उन्हें नाम पर होने वाला है जिन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कठिन हालातो में लोहा लिया और भाजपा संगठन के लिए पूरी दमदारी से काम किया। ऐसे कार्यकर्ताओं ने साबित किया कि वे किसी भी विकट परिस्थिति से डर नहीं सकते और उनके लिए प्राथमिकता कुछ और है। माना जा रहा है कि संगठन की इस बड़ी लाइन से भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को संगठन चुनाव में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।

संगठन ने नीतिगत रूप से शनिवार को भाजपा नगर मंडल बांकीमोंगरा को दो भागों में विभक्त करते हुए बांकीमोंगरा व सर्वमंगला नगर मंडल बना दिया गया। यहां पर चुनाव अधिकारी अशोक चावलानी ने नगर मंडल अध्यक्ष पद के लिए नाम भी मांगे और सहमति बनाने का प्रयास किया। बांकीमोंगरा मंडल से 11 व सर्वमंगला नगर मंडल से चार नाम सामने आये हैं। इन नामों की सूची को जिला चुनाव अधिकारी राजा पांडेय व सह अधिकारी संजय भवनानी को सौंपा जाएगा। सूचनाओं के अनुसार जिले में भाजपा के संगठन चुनाव के तहत अब सभी मंडल में चुनाव हो गए हैं। सूची सौंपने का काम लगातार जारी है। इससे पहले तक 19 मंडल थे जो बढकर 24 हो गये है। सर्वमंगला नगर मंडल के अलावा सरगबुंदिया को भी अलग मंडल बनाया गया है। पाली तानाखार क्षेत्र में दो नए मंडल बनाए गए हैं। कटघोरा मंडल को भी विभक्त कर जवाली को नया मंडल बनाया गया है। बांकीमोंगरा मंडल में 40 व सर्वमंगला नगर मंडल में लगभग 25 बूथ शामिल किये गए हैं। कोरबा नगर मंडल के फोकट पारा व राताखार के कुछ हिस्सों को सर्वमंगला नगर मंडल में शामिल किया गया है।

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