2024 की विदाई से पूर्व लंबित प्रकरणों का निकाल करने में जुटी पुलिस
कोरबा 08 दिसम्बर। पुलिस का मूल काम कुल मिलाकर अच्छी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के साथ अपराध नियंत्रण के लिए काम करने का है। इसके लिए पूरा सिस्टम बना हुआ है और इसके अंतर्गत कार्यों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी अधिकारियों और कर्मचारियों को मिली हुई है। 2024 की विदाई के लिए अब 22 दिन बाकी रह गए हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कोरबा जिले में पुलिस अपने सामान्य काम के साथ-साथ मुख्य रूप से लंबित प्रकरणों का निकाल करने में लगी हुई है।
कोरबा जिले के कोतवाली, बालको नगर,, कटघोरा, दीपिका , सिविल लाइन, कुसमुंडा, उरगा, करतला, दर्री, श्यांग, लेमरू , बांगो , हरदीबाजार थाना और सभी चौकी क्षेत्र में पुलिस के द्वारा इन दोनों पेंडेंसी काम करने को लेकर प्राथमिकता के साथ काम किया जा रहा है। कोशिश यही है कि दिसंबर के समाप्त होने से पहले बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों को कम किया जा सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इसके अंतर्गत सभी प्रकार के मामलों की पेंडेंसी को हमने ध्यान में रखा है और उन्हें निराश्रित करने को लेकर कोशिश जारी रखी है। इसमें हमें यह सुनिश्चित करना है कि मामले लंबित क्यों है और इनमें क्या कुछ दिक्कतें हैं। प्रकरणों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी करने के साथ मामलों को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना है। बताया गया कि हर वर्ष नवंबर और दिसंबर महीने में एक अभियान के तहत पुलिस इस काम को लेती है और बड़ी संख्या में लंबित मामलों को निकाल करने के लिए अपनी क्षमता दिखाती है। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि नवंबर और दिसंबर महीने हमारे लिए इस अभियान को समर्पित होते हैं और इसके तहत हमारा प्रयास अधिकतम पेंडेंसी को निचले स्तर पर लाने का होता है। बताया गया कि पुलिस थाना और चौकी की टीम नवंबर से लेकर दिसंबर तक ऐसे कार्यों में फोकस करती है ताकि ऊपर तक अच्छी रिपोर्टिंग हो सके। इसके माध्यम से यह दिखाने की कोशिश भी होती है कि पुलिसिंग के अलावा अन्य संबंधित कार्यों को निश्चित समय में पूरा करने के लिए पुलिस कितनी सक्रिय है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे वर्ष भर अपराध नियंत्रण के साथ-साथ कई और भी प्रयोजन से पुलिस अपनी भूमिका को विभागीय प्लेटफार्म के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी तय करती है। जनउपयोगी अभियान इसी का हिस्सा होते हैं जिनमें हम लोगों को बताते हैं कि उन्हें किन चीजों को करना है और किन से सतर्क रहना है। साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट स्कैम, ऑपरेशन मुस्कान, सडक सुरक्षा सप्ताह और सडक जागरूकता कार्यक्रम के अलावा कई और भी ऐसे काम है जो पुलिस की छवि को समाज के बीच स्थापित करते हैं। इनमें से कुछ अभियान लगातार चलते रहते हैं जबकि कुछ के लिए समय निर्धारित किया गया है।