वन विभाग की लचर व्यवस्थाः फसल मुआवजा प्रकरण बनाने में लेटलतीफी, किसानों में आक्रोश
कोरबा 16 नवम्बर। वन विभाग की लचर व्यवस्था के कारण किसान काफी परेशान हैं। वह दोहरी मार झेलने के लिए मजबूर हैं। एक तरफ जहां उनके क्षेत्र में हाथियों के द्वारा खड़ी फसलों को रौंद कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ नुकसान हुए फसल का मुआवजा बनाने की प्रक्रिया वन विभाग के कर्मचारी पूरी नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि उनकी फसल को देखने भी नहीं पहुंच रहे हैं जिसके कारण किसान हलाकान हैं। नाराज किसानों के द्वारा फसल कटाई के बाद एक बड़े आक्रोश प्रदर्शन की रणनीति बनाई जा रही है।
किसानों में इस बात पर भी आक्रोश है कि खेत के साथ-साथ जंगल की फसल भी बर्बाद हो गई, आखिर शिकायत करें तो करें कहाँ । हाथी की समस्या परेशान एक किसान वीरेंद्र मरकाम ने बताया कि 3 नवंबर को हाथियों ने उनके खेतो पहुंचकर फसल को बरबाद कर दिया है। इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों ने कर्मचारियों को दी गई। लेकिन वे इसकी सर्वे रिपोर्ट बनाने में काफी लापरवाही कर रहे है। बार बार निवेदन करने पर बड़ी मुश्किल से फोटो खिंचाया परन्तु अभी तक विभाग के द्वारा प्रकरण जमा नहीं किया गया है।पीडि़त किसानों ने कहा है कि अभी फसल की कटाई बहुत जोरों से चल रही है, उसके बाद तय स्थल पर बड़ी बैठक कर बड़ी योजना बनाएंगे।
पीडित ने बताया कि 3-4 बार डिप्टी रेंजर से आग्रह किया है परन्तु उनकी टीम गुरसिया बीट बंजारी बीट वाले फोटो खीचेंगे, प्रकरण तैयार करेंगे बोलकर, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं। ऐसे न जाने कितने प्रकरण हैं जो लम्बित हैं, अब ऐसे में व्यवस्था कैसे सुधरेगी फिलहाल तहसीलदार को वन विभाग की लचर व्यवस्था से अवगत कराया गया है। जानकारी मिली है कि ऐतमा रेंज में नीलगिरि पौधारोपण जून माह में विभिन्न ग्रामो में कराया गया परंतु भुगतान अब तक लंबित है। इसी तरह जून-जुलाई माह का हाथी द्वारा फसल मुआवजा राशि अभी तक किसानो को नहीं मिल पाया है वहीं ऐतमा रेंज में कार्यरत रहे फायर वाचरों का 10 माह का पेमेंट अभी तक नही मिल पाया है।