नगर निगम कोरबा में भ्रष्टाचार: बलि का बकरा बना बाबू, भ्रष्ट अधिकारी साबूत बच गये, अन्य पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई ?

कोरबा 28 अक्टूबर। नगर पालिक निगम कोरबा के सहायक ग्रेड-03 प्रदीप कुमार सिकदार को तथ्यों को छुपाकर एक ठेकेदार के नाम से आशय पत्र जारी कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में सहायक अभियंता और अन्य उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं किये जाने से लोगों में आश्चर्य व्याप्त है।

जानकारी के अनुसार नगर निगम ने गेरवाघाट से राताखार बायपास सड़क मरम्मत निमार्ण कार्य राताखार ब्रिज का एप्रोच रोड अंतर्गत मेसर्स राजेन्द्र पटेरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी कोरबा को आबंटित किया था। बाद में पता चला कि मे. राजेन्द्र पटेरिया का पंजीयन 23 अप्रेल 2020 को समाप्त हो गया था। इसके बाद भी सहायक ग्रेड- 03 प्रदीप कुमार सिकदार ने जानबूझकर जानकारी छुपाई और नस्ती प्रस्तुत कर 26 मई 2020 को आशय पत्र जारी करा दिया। इस संबंध में प्रदीप कुमार सिकदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। इस संबंध में प्रस्तुत जवाब संतोष जनक नहीं पाया गया। नगर निगम आयुक्त एस. जयवर्धन ने आदेश क्रमांक-फा.क./स्थापना/एक/2020 दिनांक 28 अक्टूबर 2020 जारी कर प्रदीप कुमार सिकदार को छ. ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम (03)अंतर्गत कार्यों के प्रति लापरवाही और जान बूझकर कर्तव्य के प्रति सनिष्ठ नहीं होने के कारण निलंबित कर दिया है।

आश्चर्य की बात है कि आयुक्त ने क्लर्क जैसे छोटे कर्मचारी पर तो कार्रवाई कर दी लेकिन फाईल को आगे बढ़ाने वाले उच्च- अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। क्या क्लर्क के ऊपर बैठे अधिकारी आंख मूंदकर फाईल आगे बढ़ाते हैं, जो उनको दोषी नहीं माना गया है? या उनको किसी खास वजह से संरक्षण प्राप्त है? भ्रष्टाचार के लिए वर्षों से कुख्यात अफसरों पर कार्रवाई से क्यों बचा जा रहा है? भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खा चुके अफसरों पर क्यों मेहरबानी दिखाई जा रही है? करोड़ों रूपयों के फर्जी स्टीमेट का मामला पूर्व आयुक्त राहुल देव ने पकड़ा था और कार्य निरस्त कर दिया था। ऐसे भ्रष्ट अभियंताओं पर महीनों बाद कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है? नगर निगम में रिश्वतखोरी और कमीशनखोरी क्यों बंद नहीं हो रही है? कुछ खास ठेकेदारों के टेण्डर में ओव्हर बिलिंग क्यों की जा रही है? ये सारे सवाल नागरिकों में चर्चा का विषय बने हुए हैं और इनके जवाब की आमजनो को प्रतीक्षा है।

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