गोबर के दीयों और मशरूम उत्पादन से स्वावलंबन की पटपथा लिख रही एसएलआरएम सेंटर की महिलाएं

प्रोत्साहित करते हैं अधिकारी

कोरबा 28 अक्टूबर। अपनी और परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग कई प्रकार के विकल्प पर काम कर रहे हैं। इसमें लगातार तेजी आ रही है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं ऐसे कार्यों में आगे हैं। समय के साथ उन्होंने अपने कौशल को पहचाना और निखारा भी। परंपरागत त्योहार और अन्य सीजन में भी उन्हें अपने उत्पादों से काफी अच्छे लाभ हो रहे हैं। सॉलिड लिक्विड रिसाइकिल मैनेजमेंट जमनीपाली से जुड़ीं महिलाएं अपने कार्यों से दूसरों के लिए उदाहरण बनी हुई हैं।

काफी समय से यह सेंटर संचालित है। मूल रूप से बड़े हिस्से का अनुपयोगी सामान इकऋा करने और उन्हें यहां लाने के बाद छंटाई व पुनर्चक्रित करने किया जाता है। इसे अलावा अन्य सामानों का सदुपयोग करने के साथ उससे अच्छे उत्पाद बनाने का काम भी चल रहा है। एसएलआरएम सेंटर में पिछले समय से इस प्रकार की आर्थिक और स्वावलंबन संबंधी गतिविधियां संचालित की जा रही है। इस केंद्र के लिए प्रमुख भूमिका निभाने वाली सुश्री गीता ने बताया कि जो दायित्व दिया गया है उसकी पूर्ति यहां से जुड़े सभी कर्मी बराबर कर रहे हैं। दूसरे कार्यों से उन्हें और कैसे अच्छा लाभ दिया जा सके इसके लिए भी हमने कोशिश की है। इसी के अंतर्गत दीपावली, छठ पूजा और देवउठनी एकादशी पर्व को ध्यान में रख गोबर के दीए तैयार किए जा रहे हैं। ये परंपरागत तो है ही, पूरी तरह से शुद्ध है। हमने इन्हें कलात्मकता भी दी है। पहली बार रंगीन दीये बाजार में लांच किए गए हैं। पिछले वर्ष से इनकी मांग में बढ़ोत्तरी हुई। इस बार भी हमारा प्रयोग सफल रहा।

खुशी इस बात की है कि कोरबा जिले से बाहर मध्यप्रदेश और झारखंड तक हमारे दीयों की पहुंच हुई। इससे एसएलआरएम सेंटर की पहचान बढ़ी और काम में लगी महिलाओं की आमदनी। गीता ने बताया कि इसके अलावा हम रक्षाबंधन पर राखियां तैयार करने के साथ अच्छी कमाई करने में सफल रहे। क्षेत्र में मशरूम की बेहतर मांग होने से हमने इस काम को हाथ में लिया। इसकी अच्छी बिक्री के साथ ही हम दूसरों को सिखा रहे हैं कि वे कैसे इस काम को कर सकते हैं।

सेंटर हेड ने बताया कि हमारे कार्यों से निश्चित रूप से हमें फायदा है लेकिन बड़ी बात यह है कि निगम के स्वच्छता अधिकारी डॉ. संजय तिवारी और स्वच्छता निरीक्षक शैलेंद्र नामदेव यहां का निरीक्षण करने के साथ हमें बराबर प्रोत्साहित करते हैं। उनके मार्गदर्शन से कई अच्छी चीजें सीखने को मिली। भविष्य में हम नवाचार को शामिल करेंगे।

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