माकपा ने भैसमाखार के ग्रामीणों को रास्ता उपलब्ध कराने की मांग को लेकर रेल विस्तार के ब्रिज निर्माण के कार्य को रोका
एसईसीएल ने कहा आम रास्ता दिलाने के बाद ही शुरू होगा ब्रिज का काम
कोरबा 26 अक्टूबर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के लक्ष्मण प्रोजेक्ट के पास रेल विस्तार कार्य से प्रभावित होने वाले आदिवासी परिवारों के लिए आम रास्ता उपलब्ध करने की मांग को लेकर गेवरा भैंसमाखार के ग्रामीणों के साथ मिलकर पूर्व चेतावनी अनुसार रेल विस्तार के लिए बन रहे ब्रिज के काम को रोक दिया। कार्य बंद होने से एसईसीएल प्रबंधन के हाथ पांव फूलने लगे एसईसीएल के अधिकारी प्रभावितों से बात करने पहुंचे मौके पर सिविल जीएम द्वारा किसानी को आम रास्ता दिलाने के लिए पहल करने का आश्वाशन दिया साथ ही रेल विस्तार का काम कर रहे एजेंसी को भी कहा की पहले आम रास्ता चालू करें माकपा नेताओ ने साफ कहा की पहले आम रास्ता बनाओ तभी ब्रिज का काम शुरू होगा आज पहले दिन ब्रिज निर्माण का काम पूरी तरह बंद रहा।
उल्लेखनीय है कि गेवरा-भैसमाखार के ग्रामीण पीढ़ियों से यहां निवासरत हैं और उनकी पूरी खेती किसानी प्रभावित हो रही है। यह क्षेत्र शहरी क्षेत्र नगर निगम अंतर्गत आता है, इसके बावजूद अभी तक इनके घरों तक सड़क, बिजली, पानी नहीं पहुंचा है। माकपा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि मनगांव के नजदीक लक्ष्मण प्रोजेक्ट के पास नए साइलो निर्माण के लिए रेल विस्तार का काम तेजी से हो रहा है, लेकिन रेल लाईन पार करने के लिए आम रास्ता नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे यहां निवास करने वाले एवं खेती-किसानी करने वाले ग्रामीणों का बाहरी क्षेत्र से संपर्क टूट जाएगा, किसानों के खेतों में फसल तैयार है जिससे किसानों को काफी नुकसान होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया था लेकिन किसी ने किसानों की समस्या के प्रति गंभीरता नहीं दिखाया जिससे किसानों में काफी आक्रोश था इसलिए प्रभावितों ने माकपा के साथ मिलकर काम को बंद करा दिया।
एसईसीएल के अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को आम रास्ता दिलाने के लिए पहल करेंगे और ग्रामीणों को आम रास्ता जल्द मिलेगा। माकपा के सचिव प्रशांत झा ने कहा की जब तक किसानों के लिए आम रास्ता उपलब्ध नहीं होगा तक तक रेल विस्तार का कार्य भी बंद रहेगा ग्रामीण किसानों के लिए आम रास्ता बनने के बाद ही रेल विस्तार का कार्य शुरू होने देंगे। आंदोलन में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक,दामोदर,राजकुमारी बिंझवार,भगत राम, सुक्रिता के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे।