गेवरा कोयला खदान में ओबी स्खलन से मलबे में दबने से मजदूर की मौत

नाली बनाने के काम में लगे थे एक ही परिवार के तीन सदस्य
20 दिन के अंदर कोयला खदान में पांचवीं घटना

कोरबा 26 अक्टूबर। गेवरा खदान में नाली निर्माण के कार्य में लगे तीन ठेका मजदूर अचानक ओवहर बर्डन (ओबी) की मिट्टी स्खलन की चपेट में आ गए। मलबे में दबने से एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दो अन्य घायल हो गए हैं, उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पत्थर से गंभीर चोटें मजदूरों को आई है।

साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा खदान के चार नंबर गेट के पास नाली निर्माण का काम त्रिवेणी कंपनी द्वारा कराया जा रहा था। इसके लिए कंपनी ने पेटी ठेकेदार को सिविल वर्क का काम दिया था। शुक्रवार को शाम चार बजे अचानक नजदीक में ही स्थित ओबी से मिट्टी खिसकने लगी। बताया जा रहा है कि एक ही परिवार के तीन मजदूर विशाल नायक, 26 वर्ष, उसका भाई करण व साला काम कर रहे थे। पत्थर गिरने की घटना देख तीनों भागने लगे, पर विशाल व उसका भाई मलबे में दब गए। वहीं विशाल का साला किसी तरह दौड़ लगाकर भाग निकला, पर वह भी पत्थर से चोट लगने की वजह से घायल हो गया। इस घटना की जानकारी मिलने पर प्रबंधन में हड़कंप मच गया। एंबुलेंस से घायलों को गेवरा के विभागीय नेहरू शताब्दी अस्पताल भेजा गया। यहां चिकित्सकों ने परीक्षण उपरांत विशाल को मृत घोषित कर दिया। करण को गहन उपचार के लिए अन्य अस्पताल रेफर कर दिए जाने की जानकारी सामने आई है। सूचना मिलने पर दीपका पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई के बाद शव मर्च्यूरी में रखा दिया है। मृतक मूलतः झारखंड के सरईखेला निवासी था, वर्तमान में दीपका क्षेत्र में ही रहता था।

देश में सबसे बड़ा कोयला खदान गेवरा में लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। पिछले 20 दिन में यह पांचवीं दुर्घटना है। इसके पहले 240 टन क्षमता का डंपर ओबी से फिसल गया और आपरेटर घायल हो गया था। दूसरी घटना में बारुद टैंकर पलटने से एक ठेका मजदूर की मौत हो गई थी। एक अन्य घटना में ड्रिलिंग मशीन में आग लग गई थी, इस घटना में आपरेटर बाल- बाल बच गया था। दुर्घटनाओं के बाद डीडीएमएस, आइएसओ व सेफ्टी कमेटी द्वारा जांच की महज औपचारिकताएं भर पूरी की जा रही। इस वित्तीय वर्ष में 600 लाख टन उत्पादन करने का दबाव प्रबंधन पर है।

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