एटीएम में चाबी लगाकर निकालना भूल गए निजी कंपनी के कर्मचारी

पुलिस कर्मी की सक्रियता से टली अनहोनी

कोरबा 21 अक्टूबर। नगर के मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में संचालित एक राष्ट्रीयकृत बैंक के एटीएम में रकम डालने के बाद कर्मचारी बाहर की चाबी निकालना भूल गए। इससे पहले की अनहोनी होती, एक पुलिसकर्मी की नजर चाबी पर पड़ी। पुलिस ने संबंधित कंपनी को इस बारे में जानकारी दी जिसके बाद अगली कार्यवाही की गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चाबी बाहरी हिस्से में थी। भीतरी हिस्से में जरूरी काम करने के लिए मुंबई से पासवर्ड लेना जरूरी होता है।

बता दे कि मेडिकल कॉलेज की पुलिस चौकी के नजदीक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम मौजूद है, ताकि अस्पताल आने वाले लोगों को जरूरत होने पर वे यहां से रकम निकाल सके। पुलिस चौकी के आरक्षक राजेश अनंत ने अपनी जरूरत के लिए एटीएम मशीन का उपयोग किया। इस दौरान मशीन ने रकम नहीं उगले। वह दोबारा प्रक्रिया पूरी करता इससे पहले उसकी नजर मशीन के सामने हिस्से में लगी चाबी पर पड़ी। उसने मशीन को गौर से देखा तो बाजू में भी एक अन्य चाबी लगी हुई थी। जिससे आरक्षक भी दंग रह गया। उसने अनहोनी की आशंका पर आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रमोद डनसेना अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर जा पहुंचे। उन्होंने एसबीआई के मुख्य शाखा के प्रबंधक से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी।

पता चला कि एटीएम में रकम लोड करने का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया हैं। कंपनी को इसकी जानकारी देने पर दो कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि एक कर्मचारी के पास मशीन की चाबी थी। मशीन से रकम नहीं निकलने की शिकायत पर वह जांच के लिए पहुंचा था। उसने अपने पास रखे चाबी से खोलकर मशीन में सुधार कार्य किया। इसके बाद वह घर लौट गया। उसने जल्दबाजी में चाबी मशीन में ही छोड़ दी थी। नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का ने बताया कि चाबी से बाहर का कैबिनेट खुल सकता है जबकि भीतर का हिस्सा खोलने के लिए एक पासवर्ड की जरूरत होती है।

इस मामले में ठेका कंपनी के कर्मचारियों ने अपनी गलती तो स्वीकार कर ली, लेकिन उसकी लापरवाही के कारण बड़ी अनहोनी घट सकती थी। जिसका खामियाजा आसपास मौजूद लोगों को उठाना पड़ सकता था। किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर पुलिस को भी माथापच्ची करनी पड़ सकती थी। इस घटना ने बैंकों और एटीएम बूथों में आपातकालीन नंबर नहीं होने की बात को भी उजागर कर दिया है। दरअसल एटीएम बूथ में टोलफ्री नंबर तो दर्ज है। इस नंबर पर सिर्फ मशीन से होने वाली असुविधा की शिकायत की जा सकती है। वहीं बैंक के अधिकारियों का नंबर भी हर किसी के पास मिलना संभव नहीं है। ऐसे में तत्काल सूचना देना मुश्किल होता है।

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