कोरबा: अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बनी हुई है शिक्षकों की कमी
कोरबा 3 अगस्त। जिला प्रशासन की ओर से पिछले साल सितंबर माह में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए संविदा में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस दौरान उम्मीदवारों से विभिन्न विषयों के व्यायाता, शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक के साथ ही ग्रंथपाल के कुल 134 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे। बताया जा रहा है कि इसमें हजारों उमीदवारों ने आवेदन किया था। इसके बाद आगे की प्रक्रिया नहीं बढ़ी।
जिले के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी बनी हुई है। शैक्षणिक सत्र के डेढ़ माह गुजर गए हैं। लेकिन अभी तक शिक्षकों को कमी को दूर नहीं किया जा सका है। इससे शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ती जा रही है।सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भौतिकी, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, रसायन, अंग्रेजी , गणित, संस्कृत, हिन्दी सहित अन्य विषयों के व्यायाता और शिक्षकों की कमी है। इससे जिन विद्यायालयों में इन शिक्षकों कमी है, वहां इन विषयों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिले में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के लगभग 14 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में विभिन्न विषयों के व्यायाता, शिक्षक, सकायक शिक्षक, प्रधान पाठक के साथ ही ग्रंथपाल भी नहीं है। जबकि शिक्षा सत्र के डेढ़ माह गुजर गए हैं। इस अवधि में निजी स्कूलों की पढ़ाई काफी आगे बढ़ गई है। लेकिन कई सरकारी अंग्रेजी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी की वजह से अध्यापन का कार्य पिछड़ रहा है। इससे कक्षा पहली से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। अभिभावक भी बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित हैं। अभिभावकों का कहना है कि शासन ने अंग्रेजी माध्यम स्कूल तो खोल दिए लेकिन शिक्षकों की कमी को दूर करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समय पर पहल नहीं की गई तो सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और इसका असर छत्तीसगढ़ माध्यमिक और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा 10 वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षा परिणाम पर असर पड़ेगा।
मिडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों की स्वीकृति
इधर जिला प्रशासन ने शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही गई है। जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के माध्यम से मिडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों की स्वीकृति प्रदान की है। इससे माध्यमिक विद्यालयों में जहां तीन से कम शिक्षक थे, अब इन विद्यालयों में न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे। मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था से विद्यार्थियों को लाभ मिलने की बात कही है। जिले में लगभग 518 मिडिल स्कूल संचालित है। उन्होंने बताया कि अनेक स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने से अध्यापन प्रभावित होने की शिकायत लंबे समय से आ रही थी। इन शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से की जाएगी। सर्वप्रथम ग्राम पंचायत स्तर पर योग्य शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर विकासखंड स्तर पर, फिर जिला स्तर पर अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा सत्र के शुरुवात के साथ ही हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ 118 शिक्षकों की नियुक्ति भी जारी है।