दरोगा ही निकला 42 लाख की लूट का मास्टरमाइंड.. 2 पिस्टल, कारतूस समेत 8 लाख रुपये बरामद
वाराणसी। नगर के चौक थाना क्षेत्र में कूड़ाखाना गली, नीचीबाग निवासी सराफ जयपाल कुमार के दो कर्मचारियों से 42.50 लाख रुपये कमिश्नरेट के एक दरोगा ने चार- पांच साथियों के साथ लूटे थे। इस मामले में कमिश्नरेट की एसओजी और रामनगर थाने की पुलिस ने खुलासा करते हुए कैंट थाने के नदेसर चौकी इंचार्ज बलिया का मूल निवासी और प्रयागराज के शुक्ला मार्केट, सलोरी का रहने वाला सब इंस्पेक्टर सूर्य प्रकाश पांडेय और चोलापुर थाना के आयर बाजार निवासी विकास मिश्रा व अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया। इनके पास से 8 लाख 5 हजार रुपये, दो पिस्टल और कारतूस बरामद किए गए। वहीं तीन आरोपियों की तलाश है।
यह है पूरा मामला
सराफ जयपाल कुमार के दो कर्मचारियों से 42.50 लाख रुपये लूट ले जाने की घटना गत 22 जून की रात की है। इसके बावजूद रामनगर थाने में मुकदमा 21 दिन बाद 13 जुलाई को दर्ज किया गया था। आरोप है कि पुलिस घटनास्थल चंदौली का बताकर भुक्तभोगी को टरकाती रही। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इसे लेकर रामनगर थानाध्यक्ष की भूमिका गंभीर सवालों के घेरे में है।
जयपाल कुमार की फर्म के कर्मचारी अविनाश गुप्ता और धनंजय यादव गत 22 जून की रात 93 लाख रुपये लेकर भुल्लनपुर से बस से कोलकाता जा रहे थे। रामनगर थाना क्षेत्र में हाईवे पर रात 11:56 बजे वर्दीधारी एक दरोगा और सादे कपड़े पहने दो लोगों ने बस रुकवाई।
तीनों ने खुद को चंदौली के सैयदाराजा थाने की क्राइम ब्रांच से बताते हुए जयपाल के दोनों कर्मचारियों को बस से उतार कर बगैर नंबर की कार में बैठा लिया। रात लगभग दो बजे अपने कर्मचारियों की सूचना पर जयपाल कुमार कटरिया बॉर्डर पर एक ढाबे पर पहुंचे। उनके कर्मचारियों ने बताया कि 50 लाख, 50 हजार रुपये बचे हैं। 42 लाख 50 हजार रुपये बस से उतारने वाले पुलिस कर्मी अपने साथ ले गए हैं।
जयपाल कुमार ने घटना की अपने स्तर से पड़ताल की। 13 जुलाई को रामनगर थाने में उनके दोनों कर्मचारियों पर ही धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देश पर कमिश्नरेट की एसओजी जांच में जुटी। रामनगर थाना क्षेत्र के सीसी कैमरों की फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सर्विलांस की मदद से एक आरोपी पकड़ा गया। उससे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर दरोगा और उसके एक अन्य साथी को भी हिरासत में लिया गया।
सराफा मंडी में काम करने वाले युवक की अहम भूमिका
हिरासत में लिया गया एक युवक सराफा मंडी में काम करता है। काम के दौरान आभूषण कारोबारियों के कर्मचारियों के माध्यम से वह यह पता लगाता रहता था कि किसके यहां सोने की खेप और तगड़ी रकम आ-जा रही है। उसकी दोस्ती कैंट थाने के एक चौकी इंचार्ज से थी। उसने चौकी इंचार्ज को समझाया कि आभूषण कारोबारियों के यहां हवाला का सोना और पैसा आता-जाता रहता है।
अगर जयपाल कुमार के कर्मचारियों से हम लोग पैसा लूट लेंगे तो खुद के पकड़े जाने के डर से वह कहीं शिकायत नहीं करेंगे और अपना काम भी आसानी से हो जाएगा। इसके बाद उस युवक ने ही अपने दोस्तों की मुलाकात दरोगा से कराई और वारदात को अंजाम देने की योजना बनी। उधर, सराफ जयपाल कुमार ने कहा कि 42 लाख 50 हजार रुपये एक बड़ी रकम है। हमारा पैसा हमें वापस मिल जाए और हमें क्या चाहिए। घटना में सरकारी कर्मचारी भी संलिप्त है तो हमारा पैसा उसके सरकारी खाते से ही वसूल कर दे दिया जाना चाहिए।
साल भर पहले सात पुलिस कर्मी हुए थे बर्खास्त
एक करोड़ 40 लाख रुपये की डकैती के मामले में 10 जून 2023 को तत्कालीन भेलूपुर थानाध्यक्ष रमाकांत दूबे सहित सात पुलिस कर्मी बर्खास्त किए गए थे। आरोप है कि इंस्पेक्टर रमाकांत दूबे और उसके साथी पुलिस कर्मियों ने बैजनत्था क्षेत्र की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की एक फर्म के कार्यालय में 29 मई 2023 की रात डाका डाला था। लूटे गए 92.94 लाख रुपये एक लावारिस कार से बरामद दिखाकर इंस्पेक्टर रमाकांत दूबे और उसके साथी पुलिस कर्मियों ने अपनी पीठ थपथपाने का प्रयास भी किया था।