सूरज का शव लेने से परिजनों ने किया इनकार, न्याय की लगा रहे हैं गुहार
जायज मांगों को पूरा करने में पुलिस और प्रशासन कर रहा टाल- मटोल
आखिर क्या छुपाना चाहती है- पुलिस?
कोरबा 21 जुलाई। पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद सूरज हथठेल के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस विभाग और जिला प्रशासन उनकी मांग पूरी करने में रुचि नहीं ले रहे हैं, जिसके चलते आज दूसरे दिन भी सूरज हथठेल का शव मेडिकल कालेज अस्पताल के मरच्यूरी में है। परिजनों ने अपनी मांग पूरी होने के बाद ही अंतिम क्रिया के लिए शव को लेने की जानकारी दी है।
आपको बताते चलें कि नगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के बुधवारी बाजार निवासी आदतन बदमाश सूरज हथठेल की शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के अनुसार शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात करीब 1.40 बजे सूरज हथठेल को एन टी पी सी के ओल्ड रेलवे साइडिंग के पास से दर्री थाना पुलिस ने पकड़ा था। सुबह करीब 05 बजे सूरज हथठेल को दर्री से सिविल लाइन थाना ले जाया गया था। इसके बाद अचानक उसकी तबियत बिगड़ जाने पर करीब 5.45 बजे उसे मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया जा रहा था, पर रास्ते में उसकी मौत हो गई। अस्पताल में डॉ अंशुल पटेल ने परिक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने शनिवार को जो बताया उससे स्पष्ट है कि सूरज, ब्राड डेड स्थिति में अस्पताल ले जाया गया था। परिजनों का आरोप है कि सूरज हथठेल के शरीर पर चोट के निशान भी नजर आ रहे थे। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मुताबिक सूरज हथठेल जिले का आदतन बदमाश था, जिसके खिलाफ जिले में 14 अपराध दर्ज हैं। कुछ दिनों पहले ही सिविल लाइन थाना में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का ताजा मामला दर्ज किया गया था। शुक्रवार 19 जुलाई की शाम 06 बने पाली पुलिस थाना में सूरज के विरुद्ध लूट का एक और मामला दर्ज किया गया था। सूत्रों के अनुसार यह मामला सिटी कोतवाली में शून्य पर दर्ज कर घटना स्थल पाली थाना क्षेत्र का होने के कारण पाली पुलिस को ट्रांसफर किया गया था। सूरज इसी रात पकड़ लिया गया, लेकिन “सूरज” को अगली सुबह का “सूरज” देखना नसीब नहीं हुआ।
शनिवार की सुबह पुलिस हिरासत में हुई मौत का सूरज के परिजनों को अन्य लोगों के माध्यम से पता चला। सूरज हथठेल के भाई राजा हथठेल ने बताया कि नियमानुसार सूरज की गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने किसी भी परिजन को नहीं दी थी। मौत के बाद भी कोई सूचना पुलिस से नहीं मिली। राजा हथठेल ने आरोप लगाया है कि कुछ दिनों पहले सिविल लाइन थाना में दर्ज रिपोर्ट के बाद पुलिस को सूरज की तलाश थी। वह फरार था। पुलिस हथठेल परिवार को लगातार प्रताड़ित कर रही थी। राजा स्वयं दीपका में एक निजी कम्पनी में काम करता था, जिसे सूरज को पकड़वाने में विफल रहने पर पुलिस ने दबाव बनाने के लिए नौकरी है हटवा दिया था।
मृतक सूरज हथठेल के भाई राजा हथठेल ने पुलिस पर अपने भाई की हत्या करने का आरोप लगाया है। शनिवार को पुलिस अधीक्षक से की गई 12 बिंदुओं की लिखित शिकायत में जिले में पदस्थ दो थानेदारों को नामजद करते हुए गन पाइंट पर प्रताड़ित करने और पूरे परिवार को परेशान करने का आरोप भी लगाया गया है। इस बीच शनिवार को पुलिस ने कटघोरा के प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी राहुल शर्मा की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों की टीम से मृतक का पोस्टमार्टम कराया। पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी कराई गई है। मामले में तात्कालिक तौर पर दर्री थाना के प्रभारी और दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया है। शनिवार को पोस्टमार्टम और अन्य कार्रवाई के कारण शाम हो जाने पर परिजनों ने अंतिम क्रिया रविवार को करने का निर्णय लिया। इसके बाद सूरज का शव अस्पताल के मरच्यूरी में रख दिया गया। लेकिन रविवार को परिजनों ने न्याय मिलने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।
दरअसल शनिवार को मृतक के परिजनों ने पुलिस को 12 सूत्रीय पत्र सौंपा था। इसमें दर्री और सिविल लाइन थाना सहित मेडिकल कालेज अस्पताल का सी सी टी वी फुटेज, नामजद पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने और मामले में निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की मांग की गई है। एक खास बात यह है कि सूरज के परिजनों ने शव के पैर में गोली का निशान होने का दावा किया था। पी एम के बाद शव का एक्सरे नहीं करने पर उन्होंने आपत्ति की, तो बाद में एक्सरे कराया गया। पारिवारिक सूत्रों द्वारा कहा जा रहा है कि सूरज के शरीर में कई स्थानों से कथित रूप से हड्डियां टूटी हुई मिली है। यह भी बताया जा रहा है कि पी एम में कथित रूप से मृतक का पेट पूरी तरह खाली मिला है, जैसे उसने दो तीन दिन से कुछ भी खाया नहीं है। यह भी सुनने में आ रहा है कि सूरज को दर्री पुलिस ने दो दिन पहले ही पकड़ लिया था। किसी खास वजह से 18 जुलाई की शाम उसके खिलाफ पाली में लूट की रिपोर्ट दर्ज की गई ।
सूत्रों के अनुसार इन्हीं जानकारियों के चलते रविवार को सूरज के परिजनों ने अंतिम क्रिया से इनकार कर दिया। साथ ही कुछ और पुलिस अधकारियों पर कार्रवाई सहित दो अन्य मांग अपनी 12 सूत्रीय मांग में जोड़ दी।इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एस डी एम और तहसीलदार सहित पुलिस विभाग का अमला परिवार को समझाइश देने का प्रयास करता रहा। दशहरा मैदान बुधवारी में देर शाम तक पुलिस और प्रशासन डेरा डालकर बैठा रहा, मगर कोई नतीजा हाथ नहीं आया।
इस बीच शहर में चर्चा का बाजार गर्म रहा। लोग सरगोशियां करते रहे, कि आखिर पुलिस विभाग और प्रशासन क्या छुपाना चाहता है, जो सूरज के परिजनों को सीसीटीवी फुटेज तक देने के लिए तैयार नहीं है? अफसरों पर कार्रवाई में प्रक्रिया की बाधा हो सकती है, परन्तु सीसीटीवी फुटेज और पीएम रिपोर्ट देने में क्यों एतराज है? इस बीच मामले को तूल पकड़ने से रोकने के लिए कई स्तर पर कुछ बेहद काबिल लोगों के सक्रिय होने की खबर भी शहर में पंख लगाकर उड़ती रही।