डॉक्टरों और भाजपा नेता के बीच विवाद अंततः सुलझा.. अपर कलेक्टर ने कराई सुलह
गरियाबंद. देवभोग सीएचसी के डॉक्टरों और भाजपा जिलाध्यक्ष के बीच विवाद को आखिरकार सुलझा लिया गया है. अपर कलेक्टर की अगुवाई में पहुंची जिले की संयुक्त प्रशासनिक टीम ने दोनों पक्षों में बात कर सुलह कराया. भाजयुमो जिला अध्यक्ष पर लगे छेड़छाड़ का आरोप वापस हुआ. वहीं डॉक्टर की कार्यकुशलता पर लगे आरोप भी बेबुनियाद पाए गए. इस दौरान अस्पताल प्रांगण में बेहतर सुरक्षा प्रबंधन पर भी सहमती बनी.
बता दें कि विगत 27 जून की रात मरीज के उपचार के दरम्यान भाजयुमो जिला अध्यक्ष माखन कश्यप और देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टरों के बीच उपजे विवाद पर अब विराम लग गया है. 3 जुलाई की रात जिला अध्यक्ष माखन कश्यप डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर थाना प्रांगण में ही धरने पर बैठ गए थे. मामले में दोनों पक्ष आमने सामने होने को तैयार थे. आज सुलह कराने का कमान अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय अपने हाथों में लिया.
सुबह 11 बजे एडिशनल एस पी जितेंद्र चंद्राकर, सीएमएचओ गार्गी यदु को लेकर अपर कलेक्टर पांडेय देवभोग पहुंचे. पूर्व सूचना के आधार पर दोनों पक्ष देवभोग एसडीएम के दफ्तर पहुंच चुके थे. अफसरों की टीम दोनों पक्षों को डेढ़ घंटे तक सुना, पांडेय ने अपनी कार्य कुशलता के चलते विवाद पर पूर्ण विराम लगाया. अपर कलेक्टर ने मीडिया से कहा कि दोनों पक्षों को अब एक दूसरे से कोई शिकायत नहीं होगी. ना ही डॉक्टर कोई काम रोकेंगे और ना ही भाजयुमो जिला अध्यक्ष किसी मांग को लेकर आगे कोई प्रदर्शन करेंगे.
इन बातों पर होगा अमल
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जो सार निकाला गया उसके मुताबिक माखन कश्यप पर कोई छेड़छाड़ के आरोप नहीं लगेंगे. जिन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है उसकी जांच एसडीओपी करेंगे और दोबारा रिपोर्ट सौंपेंगे. डॉक्टरों पर कार्य में लापरवाही का आरोप बेबुनियाद साबित हुआ. इनशुलीन की यूनिट भी सही लगना पाया गया. सेवा बाधित के आरोप का भी खंडन टीम ने किया है. सुरक्षा प्रबंधन के डॉक्टरों की मांग पर भी जल्द अमल होगा. अपर कलेक्टर पांडेय ने बताया कि अस्पताल के भीतर वार्डों में साउंड कैप्चर कैमरे लगेंगे. रात को ड्यूटी देने वाले स्टाफ को सुरक्षा के लिए जवानों की तैनाती होगी. साथ ही अब तक लगाए गए आरोप प्रत्यारोप के लिए दोनों पक्षों ने खेद वयक्त करते हुए आरोपों को वापस लिया है.