खनिज न्यास मद से भुगतान में अनियमितता करने पर जनपद सदस्य बर्खास्त
गरियाबंद 12 जून. जिले में पहली बार किसी जनपद सदस्य को पद के दुरुपयोग करने के आरोप में धारा 40 के तहत बर्खास्त कर दिया गया है. कलेक्टर गरियाबंद न्यायालय ने 10 जून को आदेश पारित कर गरियाबंद जनपद पंचायत में मालगांव जनपद सदस्य मो. सफीक खान को पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है. जांच में पाया गया है कि जनपद सदस्य ने खनिज न्यास मद से विभिन्न पंचायतों में कराए गए बोर खनन में तय मापदंड का पालन नहीं किया है. इसके अलावा केजीएन ट्रांस्पोर्ट, विक्की टेंट हाउस एवं डीजे के नाम पर वर्ष 2021 से अप्रैल 2022 तक 5 बार अलग अलग कारण बताकर जनपद से कुल 2लाख 33 हजार का भुगतान लिया गया. राजिम पुन्नी मेला के नाम पर भी इसी अवधि में भुगतान का जिक्र है.
गड़बड़ी की जांच के लिए जिला पंचायत ने कमेटी बनाई थी. 07 फरवरी 2024 को जिला पंचायत गरियाबंद ने मामले का प्रतिवेदन बनाया था, जिसमें सफीक खान पर पद का दुरुपयोग कर बगैर धनादेश के भुगतान लेने की पुष्टि की गई थी. मामले में कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने न्यायालय में धारा 40 दर्ज कर जनपद सदस्य से जवाब मांगा था. जवाब संतोषप्रद नहीं होने के कारण 10 जून 2024 को पदच्युत का आदेश पारित कर दिया है. किसी भी जनपद सदस्य पर बर्खास्त कार्यवाही का यह पहला मामला है.
मापदंड पर नहीं पाया गया काम
सालभर पहले मोहम्मद सफीक की शिकायत पर एसीबी ने गरियाबंद जनपद में छापेमारी कर तत्कालीन जनपद सीईओ डिप्टी कलेक्टर करुन डहारिया को 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. तब आरोप लगा था कि सफीक द्वारा कराए गए बोर खनन का बिल पास करने सीईओ ने रिश्वत की मांग की थी. जिला पंचायत के जांच में बोर खनन का सभी कार्य मापदंड में नहीं पाया जाना बताया गया है.
खनिज न्यास से कराए गए सभी बोर की जांच हुई तो कई निपटेंगे
सफीक खान पर हुई कार्यवाही के आदेश में खनिज न्यास के बोर खनन में हुई अनियमितता की विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. केवल मापदंड में नहीं पाना बताया गया. वर्ष 2022-23 में खनिज न्यास से बोर खनन की आड़ में तब के सत्ता में प्रभाव रखने वाले बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों ने जमकर बंदरबांट किया है. आदिवासी ब्लॉक में जल उपलब्धता का दिखावा कर 100 से भी ज्यादा बोर खोदे गए. बताया जाता है कि इसमें फेल हुए बोरवेल का भी भारी भरकम बिलिंग करा लिया गया है, जबकि नियम से चालू बोर के एवज में बिल का भुगतान कराना था. यहां तक बोर की गहराई व लगाए गए केसिंग के माप में भी खेल कर जमकर अनियमितता बरती गई है. सूत्रों का दावा है कि मामले की जांच हुई तो इस खेल में कांग्रेस सरकार में राजनीतिक वरद हस्त प्राप्त मो. सफीक खान जैसे और कई बड़े पद वाले नेता के नाम सामने आएंगे.