निगम अधिकारीयों को नहीं है कोरबा से लव.. कबाड़ में तब्दील हुआ सेल्फी पॉइंट
कोरबा 03 जून. शहर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले घंटाघर में कुछ माह पूर्व नगर निगम द्वारा सौंदर्यकरण की दृष्टि से आई लव कोरबा सेल्फी प्वाइंट का निर्माण करवाया गया था, जिसका आशय यह था की कोरबा शहर के नागरिक कोरबा को प्यार करते हैं. कोरबा के नागरिक शहर को लव करते हो या नही पर इस सेल्फी प्वाइंट की दुर्दशा देख ऐसा लगता है की नगर निगम के अधिकारी कोरबा को लव नही करते.
यहाँ जब सेल्फी पॉइंट का निर्माण हुआ था तब लोग अपने परिजनों, दोस्तों के साथ सेल्फी लेने के लिए तत्पर रहते थे और यह एक आकर्षण का केंद्र हुआ करता था. पर निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण कुछ माह के अंतराल में ही यह जगह सेल्फी प्वाइंट से कबाड़ में तब्दील हो गई है. कहने को तो लाखो रुपए की लागत से बने सेल्फी प्वाइंट को निगम द्वारा सौंदर्य के दृष्टिकोण से बनवाया गया था परन्तु इसकी दुर्दशा को देखकर यह स्पष्ट है की निगम अधिकारी केवल सौन्दर्यीकरण के नाम पर अपनी जेब भरने की मंशा रखते थे. वर्तमान में न तो इस सेल्फी प्वाइंट का लाइट जलता है और न ही आई लव कोरबा अपने पूर्ण अस्तित्व में है. इसमें बने फव्वारे शायद ही महीने भर चलें हो. साथ ही यदि सफाई की बात कि जाए तो शायद ही इस जगह की कभी सफाई होती होगी.
ज्ञात हो के निगमायुक्त प्रतिष्ठा ममगई द्वारा सभी जोन अधिकारी एवं कर्मचारियों को अवैध निर्माण एवं सफाई को लेकर सचेत रहने कहा गया है पर शहर की व्यवस्था देख लगता नहीं की निगम के घाग अधिकारी और कर्मचारी उनकी बातों को सुनते भी हैं. रही बात नियमों की तो निर्माण के तीन साल तक देख रेख का जिम्मा ठेकेदार का होता है, परन्तु निगम अधिकारीयों की कार्यशैली से परिचित लोग यह जानते हैं की निगम के टेंडर शर्तों में मेंटेनन्स की बात बस कागजों में सिमित रहती है. ठेकेदार के भुगतान से रोकी गई मेंटेनन्स की राशी को अधिकारी और ठेकेदार मिलीभगत कर वारा – न्यारा कर लेते हैं. अब देखना होगा की क्या निगम द्वारा लाखों रुपए लागत से बनाया गया आई लव कोरबा सेल्फी प्वाइंट बच पायेगा या फिर करोड़ो रुपये की लागत से हुए अन्य निर्माण कार्यों की तरह ही निगम अधिकारीयों की लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा।