कोरबा जिले में टेंकर से डीजल चोरी करने वाले फिर सक्रिय हुए, रोज कर रहे लाखों की चोरी
कोरबा 19 सितम्बर। जिले के दर्री थाना क्षेत्र के गोपालपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के टर्मिनल से डीजल और पेट्रोल लोड टैंकर रास्ते में खाली किए जा रहे हैं. दर्री थाना से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रतीक्षा बस स्टैंड में दिन दहाड़े टैंकर से डीजल निकालकर पाइप के जरिए ड्रमों में डंप किया जा रहा है.
टैंकर से दिन दहाड़े चोरी का गोरखधंधा उर्जाधानी में लंबे समय से बदस्तूर जारी है. SECL की खदानों से डीजल चोरी का एक मामला हाल ही में सामने आया था, जब ग्रामीणों ने खदान के भीतर डीजल चोरी करने जा रहे चोरों को रंगे हाथ पकड़ लिया था. लेकिन बाद में पुलिस ने बिना किसी कार्रवाई के आरोपियों को छोड़ दिया था. इसी तरह जिले के गोपालपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के टर्मिनल से भी सुनियोजित तरीके से डीजल चोरी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है.दलालों के जरिए चलता है ये धंधाIOCL के टर्मिनल से निकलने वाले वाहन चालक दलालों के जरिए डीजल के खरीददार से संपर्क में आते हैं. अवैध डीजल के खरीदार ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक से लेकर कोई भी हो सकते हैं, जो कि अवैध डीजल का कारोबार करते हैं. जिन्हें टैंकर चालक बाजार मूल्य की तुलना में आधे दाम में डीजल उपलब्ध कराते हैं. ट्रक चालक राह चलते कहीं भी अपने वाहन को खड़ा कर उससे डीजल निकालकर संबंधित दलालों के जरिए बेच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक टैंकर चालक मालिकों की आंख में धूल झोंककर रास्ते में ही बड़े पैमाने पर अवैध रूप से डीजल बेच देते हैं. वाहन मालिक को भी कई बार इसकी खबर रहती है, लेकिन वह चालकों को देर से वेतन देने के साथ ही बेहद कम वेतन में काम लेते हैं. इसलिए उनकी आपसी समझ से यह गोरखधंधा संचालित होता है.
डीजल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलियम पदार्थ मौसम के मुताबिक अपनी प्रवृत्ति बदलते हैं. गर्मी के मौसम में डीजल और पेट्रोल की मात्रा टैंकर में परिवहन के दौरान कुछ कम हो जाती है. जबकि बरसात और ठंड के मौसम में यह मात्रा किसी तरह के केमिकल रिएक्शन के कारण कुछ बढ़ जाती है. जिसका फायदा उठाकर टैंकर चालक हर टैंकर से 50 से 100 लीटर या इससे भी ज्यादा मात्रा में डीजल रास्ते में ही खाली कर देते हैं. जिससे कि उनकी यह चोरी पकड़ में नहीं आती.पेट्रोल पंप के कर्मियों से भी सांठगांठपेट्रोल टंकी में कम डीजल देने की शिकायतें आम हैं. कई बार इसका खुलासा भी होता है, इस सूनियोजित चोरी का नुकसान आम आदमी को उठाना पड़ता है. टैंकर चालक की और से रास्ते में डीजल चोरी कर, इसे किसी को बेचने का परिणाम कई बार ऐसा होता है कि पेट्रोल पंप में जब टैंकर को खाली किया जाता है, तब एक तय मात्रा में डीजल कम हो जाता है. ऐसे में जहां पर पेट्रोल पंप के मालिक सक्रिय रहकर टैंकर का डीजल सूक्ष्मता से नाप कर अपनी टंकी में भरवाते हैं, वहां काफी हद तक डीजल और पेट्रोल की मात्रा ठीक रहती है. लेकिन जहां के पेट्रोल पंप मैनेजर और वहां काम करने वाले कर्मचारियों के भरोसे रहते हैं, वहां के कर्मचारी टैंकर चालकों से सांठगांठ कर लेते हैं और जब आम लोगों के वाहन में नोजल से पेट्रोल भरा जाता है तह वह इसमें धांधली करते हैं. इस तरह से जो डीजल चोरी की गई है, उसकी भरपाई हो जाती है.ऐसे होता है पेट्रोल पंपों में गोलमालजिस तरफ से पेट्रोल-डीजल की मात्रा को रॉड डालकर नापा जाता है, उस तरफ के पहिये में टैंकर चालक कम हवा भरते हैं. जिससे कि नापने वाले रॉड डालने पर वाहन का झुकाव वाले स्थान पर ही रॉड डाली जाती है. चक्के में हवा कम होने से वाहन झुक जाता है और उस स्थान पर डीजल की मात्रा ज्यादा रहती है. ऐसी कई तरकीब हैं, जो ट्रक चालक अपनाते हैं. एक टैंकर चालक ने यह भी बताया कि वह टैंकर में कई बार कोका-कोला जैसे कोल्ड ड्रिंक मिलाते हैं. जिसके केमिकल रिएक्शन से 50 से 100 लीटर तक डीजल टैंकर में बढ़ जाता है.
डीजल के गोरखधंधे के सवाल पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) कीर्तन राठौर का कहना है कि डीजल चोरी के अवैध कारोबार की अब तक किसी तरह की सूचना नहीं मिली है. लेकिन इस तरह की कोई भी गतिविधि यदि कहीं संचालित हो रही है, तो संबंधित थानेदार से इसकी तस्दीक कराएंगे और इस तरह की चोरी में शामिल लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे.