प्रदेश में सुचना का अधिकार बना मजाक..RTI आवेदन के जवाब में अधिकारी ने भेजे कोरे कागज
बिलासपुर. प्रदेश में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (आरटीआई) कानून फेल होता नजर आ रहा है। जिसकी बानगी बिलासपुर जिले के बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में देखने को मिली है, जो RTI कानून को मजाक समझे जाने का एक जीता जागता प्रमाण है।
आवेदक से मिली जानकारी के अनुसार बिल्हा विकास खंड शिक्षा कार्यालय के बीईओ और जनसूचना अधिकारी पवित्र सिंह बेदी के कार्यालय में RTI के तहत जानकारी लेने आवेदक नें आवेदन लगाया था। 25 जनवरी 2020 को को डाक विभाग के डाकिए नें एक रजिस्टर्ड डाक लिफाफा जो विकास खंड शिक्षा कार्यालय जनसूचना अधिकारी,बिल्हा द्वारा भेजा गया था खोलने पर लिफाफे में से कोरे पेपर निकले जिसकी जानकारी आवेदक नें तत्काल जनसूचना अधिकारी पवित्र सिंह बेदी को दे दी।
आवेदक नें बताया कि जनसूचना अधिकारी बिल्हा को उनके द्वारा सूचना के अधिकार के तहत कई आवेदन लगाए गए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया आखिरकार आवेदक नें प्रथम अपील आवेदन किया लेकिन वहाँ भी सारी जानकारी नहीं मिली अब आवेदक राज्य सूचना आयोग में अपील किया है। बिलासपुर जिले में आवेदकों द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देने की बजाय अधिकारी तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं कहीं आवेदन को धमकी दी जा रही है कही दफ्तर का चक्कर लगवाया जा रहा है,अब कोरा कागज भेज कर खानापूर्ति की जा रही है ताकि आवेदन मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर जानकारी मिलने की उम्मीद छोड़ दे।
जाहिर है जो तवज्जो सूचना के अधिकार अधिनियम कानून को मिलनी चाहिए वो कहीं से मिलती नहीं दिख रही है ऐसे में इस कानून की सार्थकता पर सवाल खड़े होने लगे हैं जाहिर है कानून बना भर देने से कुछ नहीं होगा यदि सूरत बदलनी है तो कानून का पालन भी कराना सुनिश्चित करना होगा।
सूचना के अधिकार कानून और इसके जिम्मेदार अधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना हरकत से शासन और प्रशासन और सूचना के अधिकार कानून से लोगों का भरोसा टूटता जा रहा है।