झोलाछाप डाक्टर के इलाज से ग्रामीण की हुई मौत, पुलिस ने दर्ज किया मामला
कोरबा 29 नवम्बर। जिले के सरहदी इलाके में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मरीज की जान चली गई। डॉक्टर ने मरीज के पेट में इंजेक्शन लगाया था, जिससे पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। हद तो तब हो गई, जब डॉक्टर ने सही सलाह देने के बजाए धमकी देना शुरू कर दिया। मरीज की शिकायत को सामान्य मान पुलिस विवेचना कर रही थी, अब उसी मरीज की मौत के बाद पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ गैर ईरादतन हत्या का जुर्म दर्ज किया है।
पसान थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सेमरा के आश्रित ग्राम गुरुद्वारी में भानुप्रताप ओट्टी (40 वर्ष) निवास करता था। वह तबीयत खराब होने पर 3 नवंबर को समीप के गांव में रहकर ईलाज करने वाले जीपीएम जिले के डॉक्टर करन कुमार के पास पहुंचा। डॉक्टर ने एक के बाद एक हाथ, कमर और पेट में चार इंजेक्शन लगा दिया। इसके कुछ ही देर बाद भानुप्रताप के पेट मे तेज दर्द शुरू हो गया। जिसकी जानकारी भानुप्रताप ने शाम को पत्नी सुकुल बाई को दी। पत्नी ने डॉक्टर को काल कर पति के पेट में इंजेक्शन लगने के बाद दर्द बढने की जानकारी दी, लेकिन डॉक्टर सही सलाह देने के बजाय धमकाने लगा। आखिरकार परिजन भानुप्रताप को ईलाज के लिए पेंड्रा ले गए, जहां डाक्टर ने बिलासपुर ले जाने की सलाह दी। 7 से 17 नवंबर तक भानुप्रताप का उपचार सिम्स में चलता रहा। इस दौरान पेट में घाव के पक जाने की बातें सामने आई। डाक्टरों ने आपरेशन भी किया। परिजन ठीक नहीं होने पर भानुप्रताप को घर ले आए। मरीज ने 18 नवंबर को थाने में मामले की लिखित शिकायत कर दी। जिसे सामान्य मान पुलिस विवेचना करती रही। इधर हालत बिगडने पर भानुप्रताप को पुनरू सिम्स दाखिल कराया गया। सिम्स में दो दिन बाद ईलाज के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया। मरीज की मौत के बाद उसकी पत्नी सुकुल बाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने झोलाझाप डाक्टर के खिलाफ गैर ईरादतन हत्या की धारा 304 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। अब देखना यह है कि कार्रवाई आगे बढ़ती है या फिर जांच तक सिमट कर रह जाती है।
पेट में इंजेक्शन लगने का जिक्र किसी से नहीं करने बनाया दबाव
बताया जा रहा है कि झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के बाद भानुप्रताप की तबियत बिगड़ गई। इस बात की भनक कथित डॉक्टर को भी लग गई। उसकी ओर से सेमरा में रहने वाले राम प्रसाद ने भानुप्रताप पर पेट में इंजेक्शन लगने का जिक्र किसी से नहीं करने दबाव बनाया। जिससे भानुप्रताप चुप्पी साधे बैठा रहा। इस बात का जिक्र भानुप्रताप ने मौत से पहले पुलिस को गई शिकायत में भी किया है।