कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने बांगो पहुंचे 6 लोग फंसे पानी में
कोरबा 27 नवम्बर। हिंदू कैलेंडर की खास तिथियों को पवित्र नदियों के अलावा लोगों की बड़ी संख्या जलाशयों में स्नान करने की परंपरा निभाती है और दान-पुण्य भी करती है। कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्य स्नाने के लिए लगभग 60 किमी की दूरी तय कर बांगो जाना एक परिवार के 6 लोगों के लिए कड़वा अनुभव बन गया। नहाने के दौरान बांगो डेम से अचानक पानी छोड़े जाने के कारण वे लोग बुरी तरह से फंस गए। इनमें तीन महिलाएं, दो पुरुष और एक बालक शामिल हैं। हालांकि इन्हें रेस्क्यू टीम ने बचा लिया।
कोरबा जिले में कार्तिक पूर्णिमा पर कई प्रकार के आयोजन यहां-वहां किये जा रहे हैं और इसे लेकर हर तरफ उत्साह बना हुआ है। इन सबसे पहले आज सुबह नदी व जलाशयों में लोगों ने स्नान करने में रूचि ली। साथ ही दीपदान भी किया। यथासंभव लोगों ने अपने आसपास में ही इन प्रक्रियाओं की पूर्ति में दिलचस्पी ली जबकि कोयलांचल बांकीमोंगरा निवासी रंजन वर्मा सहित उनकी पत्नी और उनके यहां मेहमानी पर आए 4 लोगों ने यहां से काफी दूर कोरबा जिले के ही बहुद्देशीय हसदेव बांगो बांध परियोजना जाकर पुण्य स्नान करने की मानसिकता बनाई। पूरी तैयारी के साथ ये लोग सुबह बांगो के लिए रवाना हुए। इनकी जान तब मुश्किल में पड़ गई जब बांगो डेम से अचानक पानी छोड़ दिया गया। एकाएक ज्यादा पानी आने से वे लोग फंस गए। खबर के मुताबिक बांगो में इन लोगों ने पुण्य स्नान कर इस अवसर को खास बनाने का विचार किया था लेकिन यह नहीं सोचा था कि आज क्या कुछ घटित हो सकता है। उनकी उम्मीद के विपरित यहां जो कुछ हुआ उसके कारण काफी दिक्कतें हुई। जिस जगह पर ये लोग स्नाने करने में व्यस्त थे तभी उन्होंने महसूस किया कि बांध से छोड़े गए पानी की मात्रा अचानक बढ़ गई है और नदी में स्थिति असामान्य हो रही है। इनसे उनका डरना स्वाभाविक था। हिम्मत जुटाकर उन्होंने आगे मोबाइल पर सूचना दी। कंट्रोल रूम को सूचना दिए जाने के बाद आनन-फानन में पानी की मात्रा कम कराई गई और रेस्क्यू शुरू कराया गया। जल संसाधन विभाग का कहना है कि पानी छोडने से पहले नियमानुसार सायरन बजाया गया था लेकिन लोग उसे सुन नहीं सके। पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए मौके पर फंसे 6 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इसके साथ ही उन्हें कई प्रकार की समझाईश दी गई।
पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश के समय हसदेव बांगो बहुद्देशीय बांगों परियोजना का निर्माण प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक की मदद से कराया था। इसके माध्यम से कोरबा और जांजगीर चांपा जिले की कई हजार एकड़ कृषि भूमि सिंचित की जा रही है। इसके साथ ही जन आवश्यकता के साथ-साथ कोरबा जिले के उद्योगों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। 60 के दशक में तैयार हुई परियोजना अब तक लाखों लोगों को आजीविका के अवसर देने के साथ-साथ दो जिलों के लिए वरदान साबित हो रही है।