नौकरी की मांग को लेकर 2 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठेंगे भूविस्थापित
कोरबा 21 फरवरी। एसईसीएल कुसमुंडा से प्रभावित 12 गांवों के भूविस्थापित रोजगार के पुराने लंबित प्रकरणों पर नौकरी की मांग पर 2 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठेंगे। अभी एसईसीएल कुसमुंडा जीएम कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। एसईसीएल प्रबंधन को इससे अवगत कराकर 10 मार्च को खदानबंदी आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
एसईसीएल कुसमुंडा से प्रभावित ग्राम जरहाजेल, खम्हरिया, मनगांव गेवरा बरपाली दुल्लापुर, बरकुटा, दुरपा, सोनपुरी, जटराज, भैंसमाखार, बरमपुर के भूविस्थापित करीब 25 साल पहले अर्जित भूमि पर रोजगार की मांग कर रहे हैं। सालभर से अधिक समय से एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने धरना दे रहे हैं।
भूविस्थापित अब एक बार फिर किसान सभा व भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले एसईसीएल प्रबंधन से अपनी मांगे मनवाने एसईसीएल कुसमुंडा जीएम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद भी मांगे पूरी नहीं हुई तो 10 मार्च को खदान बंद कराएंगे। इसके पहले विरोध प्रदर्शन कर मांगों की ओर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया। 3 सूत्रीय मांगों को लेकर महाप्रबंधक को ज्ञापन भी सौंपा।
इधर कोयला मजदूर पंचायत के केन्द्रीय उपाध्यक्ष गजेन्द्र पाल सिंह तंवर के नेतृत्व में एसईसीएल कोरबा एरिया के सराईपाली खदान में नियोजित ठेका कंपनी में कार्य करने वाले श्रमिकों ने सौंपे ज्ञापन में तय दर पर वेतन देने की मांग की है। ज्ञापन में बताया है कि 9 ठेका श्रमिकों के वेतन में कटौती की गई है। नियमानुसार ठेका कर्मियों को दी जाने वाली सुविधाएं भी मुहैया नहीं करायी जाती। तय दर पर वेतन नहीं दिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
जमीन के बदले नौकरी की मांग- किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, रेशमलाल यादव, दामोदर श्याम ने बताया कि बिना शर्त कंपनी में नियमानुसार भू-विस्थापितों को रोजगार दिया जाए, जो इसका अधिकार भी रखते हैं। जमीन ही उनके जीने का सहार था। जिसके अधिग्रहण के बाद नौकरी नहीं देने पर परिवार के जीविकोपार्जन में परेशानी हो रही है।