टेण्डर की प्रक्रिया होने के बाद भी मुड़ापार बायपास की समस्या जस की तस
कोरबा 25 दिसम्बर। 198 लाख के प्रस्ताव को भेजने और दो माह टेण्डर की प्रक्रिया होने के बाद भी मुड़ापार अमरैय्या बायपास रोड की दुर्गति दूर नहीं हो सकी। अरसा बीतने पर भी सड़क जस की तस कायम है। लोगों को पुरानी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। इसके साथ कहा जा रहा है कि समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोगों को वर्ष 2023 की प्रतीक्षा करनी होगी। दो वर्ष से भी ज्यादा समय से यह मार्ग बदहाल बना हुआ है।
पूर्व वर्षों में 18 करोड़ की राशि का उपयोग जिला खनिज न्यास से किया गया था और इस रास्ते को तैयार किया गया। दावे किये गये कि सड़क टिकाऊ होगी। लेकिन इसका जीवन काल 7 वर्ष से ज्यादा नहीं हो सका और इसके परखच्चे उड़ गये। एसईसीएल में मुड़ापार बेरियर से लेेकर मुख्य सड़क तक कनेक्टिविटी वाले हिस्से में अधिकांश जगह में टूटफूट के नजारे देखने को मिल रहे है। जबकि अनेक क्षेत्र ऐसे है जहां पर सड़क कम है और गड्डे ज्यादा। इस स्थिति में वाहनों का परिचालन समस्याग्रस्त हो रहा है और उनमें कई प्रकार की मुश्किलें पेश आ रही है। खासतौर पर बारिश के मौसम में ज्यादा परेशानियों को सामना करना पड़ा। अलग. अलग स्तर पर किये ध्यानाकर्षण के बाद नजर निगम ने इस रास्ते की बदहाली को दूर करने के लिए विचार किया। पहले वह खुद ही सुधार के मूड में था। बाद में विचार बदल गया और तय किया गया कि पेंचवर्क के बजाय रास्ते का नवीनीकरण कराया जाये। इसलिए 198 लाख रूपये का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया।
जानकारी के मुताबिक स्वीकृति मिलने पर टेण्डर की प्रक्रिया अपनाई गई। सेकेण्ड काल करने के बाद आगे प्रगति नजर नहीं आ रही है। इन सब कारेणों से बदहाल बायपास पर आवाजाही कांटे पर चलने जैसा काम हो गया है। इलाके के लोग बताते है कि एक तो सड़क खस्ताहाल और ऊपर से वाहनों के दबाव के कारण रिहायसी क्षेत्र में प्रदूषण की मार पड़ रही है। इस मसले को लेकर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है।