अनुसूचित जाति ने सोलह प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अभियान शुरू किया

कोरबा 01 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण की आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही। अनुसूचित जनजाति एसटी का आन्दोलन राज्य सरकार के 32 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा के बाद समाप्त हो गया है। लेकिन दूसरी ओर अनुसूचित जाति एससी ने 16 सोलह प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अभियान छेड़ दिया है। बुधवार को प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अनुसूचित जाति वर्ग को सोलह फीसदी आरक्षण देने की मांग की है। मांग पूरी नही होने पर मुख्यमंत्री, सभी मंत्री और विधायको के बहिष्कार की चेतावनी दी है।

राज्य में आरक्षण का मुद्दा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के19 सितम्बर 2022 के एक फैसले के बाद गरमा गया था। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में राज्य केआरक्षण अधिनियम की उस धारा को रद्द कर दिया था जिसमें आरक्षण के अनुपात का उल्लेख था। इसके बाद आरक्षण व्यवस्था गड़बड़ा गई। भर्ती परीक्षाओं के परिणाम रोक दिये गये और प्रतियोगी परीक्षाएं रद्द कर दी गई। इसके बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग ने जनसंख्या के अनुपात में 32: आरक्षण की मांग को लेकर आन्दोलन छेड़ दिया। राज्य सरकार ने आन्दोलन को शांत करने के लिए नया कानून बनाने की घोषणा की। बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की केबिनेटकी बैठक में 32: एससी 27: ओबीसी,13:एससी और 04: ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया गया। एक और दो दिसम्बर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक को पारित किया जायेगा। इस विधेयक के पास होने के बाद प्रदेश में कुल आरक्षण 76: हो जायेगा। अब एससी् वर्ग अभियान चलाकर अपना आरक्षण 13: से 16: कराना चाहता है। यदि इनकी मांग पूरी हो जाती है तो राज्य में कुल आरक्षण 79: हो जाएगा।

प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता यू आर महिलांगे ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार को अपने चुनावी वायदे के अनुसार सतनामी समाज को 16: आरक्षण का लाभ देना होगा। राज्य सरकार ने 13: आरक्षण देने का निर्णय लिया है इसमें 3: का इजाफा करने पर उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और ईडब्ल्यूएस को आरक्षण देने का निर्णय है वाजिब है और हम इसका स्वागत करते हैं लेकिन साथ ही हमारी मांग है कि सतनामी समाज का आरक्षण पूर्व की तरह 16: किया जाए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि सतनामी समाज की मांग पूरी नहीं की जाती तो आने वाले दिनों में सतनामी समाज की ओर से सभी कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों सहित सभी विधायकों जनप्रतिनिधियों का सतनामी समाज बहिष्कार करेगा।

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