RSS चीफ डॉ. मोहन भागवत ने किया हिन्दू हृदय सम्राट कुमार दिलीपसिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण

जशपुरनगर 14 नवम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने आज एक गरिमामय समारोह में हिन्दू हृदय सम्राट जशपुर कुमार स्वर्गीय दिलीपसिंह जूदेव की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया।

स्वर्गीय जूदेव का जन्म 8 मार्च 1949 को जशपुर के तत्कालीन शाही परिवार में हुआ था। स्वतंत्रता के बाद रियासत अविभाजित मध्य प्रदेश के रायगढ़ जिले का हिस्सा बन गई। साल 2000 में जब मध्य प्रदेश के अलग होकर छत्तीसगढ़ नामक नया राज्य अस्तित्व में आया, तो जशपुर नए राज्य का हिस्सा बन गया। जूदेव के पिता राजा विजय भूषण सिंह देव जशपुर के अंतिम शासक थे। जूदेव तीन बार (1992, 1998 और 2004) राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद, साल 2009 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लोकसभा सांसद चुने गए। वह प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री भी थे। वह आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्य भी थे।

स्वर्गीय जूदेव आदिवासियों के बीच घर वापसी (ईसाई बने आदिवासियों को हिंदू बनाने) का चेहरा (Ghar Wapasi campaigner) रहे हैं। वह उन आदिवासियों के पैर धोकर हिंदू धर्म में परिवर्तित कराते थे, जिन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। जूदेव ईसाई धर्मांतरण को विदेशी षडयंत्र मानते थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान उन्होंने बिलासपुर जिले के अखरार गांव में कहा था, “मैं बहुत यात्राएं की हैं। मैं कई देशों में मिशनरियों द्वारा अपनाई गई रणनीति को जानता हूं। यह सिर्फ धर्मांतरण नहीं है, यह देश के चरित्र को बदलने की ओर ले जाएगा। हिंदू मंदिरों के पास क्रॉस आ गया है। क्या हम वेटिकन में कहीं भी हनुमान मंदिर का निर्माण कर पाएंगे? मैं ईसाइयों के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन केवल धर्मांतरण के खिलाफ हूं। मैंने खुद रांची के एक ईसाई संस्थान में पढ़ाई की है।”

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत जशपुर नगर राजमहल भी पहुंचे, जहां राजा रणविजय सिंह जूदेव ने राज परिवार के सदस्यों के साथ उनका परिचय कराया। इस भेंट के दौरान राज परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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