बाढ़ आपदा से निपटने के लिए मानिकपुर पोखरी में हुआ जिला स्तरीय मॉकड्रिल का आयोजन
मॉक प्रेक्टिश में राहत आपदा व बचाव दल ने क्विक रिस्पांस कर बचाई लोगों की जान
तटीय इलाकों के लोगों एवं मछुवारों का रेस्क्यू कर बाढ़ से आहत लोगों को रिलीफ कैंप और अस्पताल भेजने की भी की गई प्रेक्टिशगंभीर रुप
कोरबा 04 नवंबर। जिले में अचानक बाढ़ के हालात बनने और नदी के तटीय इलाकों में बाढ़ में लोगों के फंसे होने व इसके चलते कैजुअल्टी की सूचना जिला प्रशासन व बाढ़ आपदा विभाग को मिलते ही राहत व बचाव दल तत्काल अलर्ट हो गया। जिला प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा बल के जवान, नगर सेना विभाग के राहत दल गोताखोरों के साथ बाढ़ प्रभावित तटीय इलाकों और बस्तियों में राहत व बचाव सामग्री के साथ तत्काल पहुंचे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, बस्तियों से रेस्क्यू कर लगभग 130 लोगों को बाहर निकाला गया। मुश्किल हालात में अपने घरों में फंसे लोगों को राहत दल ने तत्काल रेस्क्यू कर लिया और उनको बसो से रिलीफ कैंप तक लेकर पहुंचे। वहीं पानी में फंसे लोगों की स्थिति चिंताजनक होने पर उन्हें आपदा बचाव दल के गोताखोर टीम के सदस्यों ने रेस्क्यू किया और उपचार के लिए एम्बुलेंस से मेडिकल कैम्प लेकर पहुंचे। जहाँ उनका मेडिकल विभाग के डॉक्टर व कर्मचारियों ने ईलाज किया और उनको दवाइयां उपलब्ध कराई गई। इस दौरान कुछ लोगों के अत्यधिक गंभीर होने पर उनको बेहतर उपचार के लिए एयरलिफ्ट किया गया।
दरअसल बाढ़ आपदा की परिस्थितियों से बचाव व राहत के लिए जिला प्रशासन के नेतृत्व में बाढ़ आपदा प्रबंधन और अन्य विभागों ने शुक्रवार की सुबह एसईसीएल के मानिकपुर पोखरी में जिला स्तरीय मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया। इस दौरान पूरे बचाव अभियान पर एडीएम श्री विजेंद्र पाटले, संयुक्त कलेक्टर श्री शिव बैनर्जी, एसडीएम कोरबा श्रीमती सीमा पात्रे, एसडीएम पाली श्री मनोज खांडे, सीएमएचओ डॉ. एस एन केशरी, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट नगर सेना श्री पीबी सिदार सहित राहत एवं आपदा प्रबंधन, राजस्व व अन्य विभाग के अधिकारियों की पूरी निगरानी रही। बाढ़ आपदा से निपटने और तत्काल राहत के लिए मानिकपुर पोखरी के अलावा आसपास के बस्तियों में इवेंट पॉइंट तय किए गए थे। जिसमें राहत व बचाव दल के अधिकारी और कर्मचारियों ने बाढ़ से प्रभावित लोगों का रेस्क्यू कर लोगों को रिलीफ कैंप तक पहुंचाने में भूमिका निभाई।
एडीएम श्री विजेंद्र पाटले ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने और इसके कारण प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के सहयोग से सफल मॉकड्रिल किया गया। बाढ़ के कारण तटीय बस्तियों में फंसे लोगों को बाहर निकाल कर उन्हें राहत शिविर तक लाया गया। जहां उनके ठहरने उपचार भोजन सहित अन्य इंतजाम किए गए थे। गंभीर रूप से प्रभावित लोगों को बेहतर उपचार के लिए एयरलिफ्ट का मॉक ड्रिल भी किया गया।
सेंट्रल कमांड को दी गई पल-पल की रिपोर्ट – जिले में बाढ़ व आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए जिला स्तर पर आयोजित मॉक ड्रिल के पल-पल की रिपोर्ट स्टेट सेंट्रल कमांड को भी दी गई। इस दौरान बाढ़ की स्थिति, इसके चलते प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति, बाढ़ के कारण कैजुअल्टी और उससे निपटने के लिए किए गए उपायों की जानकारी तत्काल दी गई ताकि उच्च स्तर पर दिशा निर्देशों के अनुरूप आगे राहत और बचाव के कार्य किए जा सके।
नगर सेना, सीआईएसएफ,फायर इमरजेंसी सर्विसेस के जवान रहे एलर्ट – बाढ़ आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए संपन्न मॉकड्रिल में नगर सेना के 35 जवान, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के 15 जवान और सीआईएसएफ के जवानों के साथ ही पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा विभाग, खाद्य विभाग, बिजली विभाग, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग व विभिन्न औद्योगिक उपक्रमों, पुलिस बल के अधिकारी व जवानों की भूमिका रही। बाढ़ आपदा बचाव के लिए आयोजित इवेंट में स्कूली बच्चों ने भी हिस्सा लिया।
राहत शिविर में लोगों को उपलब्ध कराई गई सुविधा – बाढ़ आपदा से बचाव के लिए राहत शिविर में क्विक रिस्पॉन्ड कैंप, डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, रिलीफ कैंप शेल्टर, रिलीफ कैंप किचन, मेडिकल कैंप की सुविधा के साथ ही जिला प्रशासन कैंप में लोगों की सहयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की टीम अलर्ट रही।