तिरछी-नज़र @ रामअवतार तिवारी

तिरछी नजर
रामावतार तिवारी

पूर्व विधायक का गुजरात लिंक

भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) अजय जामवाल वैसे तो मिलनसार हैं, लेकिन कभी कभार वो अपना तेवर दिखा देते हैं। हुआ यूं कि पिछले दिनों पार्टी के तीन पूर्व विधायक जामवाल से मिलने पहुंचे। सामान्य अभिवादन के बाद एक पूर्व विधायक ने अपना परिचय दिया और कहा कि उनका गुजरात से भी लिंक हैं। बस, इतना सुनते ही जामवाल के चेहरे के हाव-भाव बदल गए। उन्होंने कहा कि आप लोगों की भावनाओं से परिचित हूं। इतना कहकर हाथ जोड़ लिए, और दरवाजे की तरफ इशारा कर दिया। तीनों पूर्व विधायक खड़े-खड़े अपना सा मुंह लेकर बाहर निकल आए। बाकी दो उस पूर्व विधायक को कोसने लगे, जिसने अपना गुजरात लिंक बताया था। ——-–——

पितृ पक्ष के बाद आईटी रेड ?

खबर है कि जल्द ही प्रदेश की एक आईएएस के यहां आईटी की टीम दस्तक दे सकती है। आईटी डिपार्टमेंट के पास अफसर की नामी-बेनामी साडी डिटेल्स पहुंच चुकी है। अलग अलग प्रकरणों में लेन देन के पुख्ता सबूत भी मिल चुके हैं। बताते हैं कि आईटी अफसरों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी क्योकि अफसर ने प्रभावशाली लोगों को नाराज़ कर रखा था। उन्होंने ही आईटी डिपार्टमेंट का काम हल्का कर दिया। चर्चा है कि पितृ पक्ष के बाद आईटी टीम अफसर के यहां धमक सकती है। फ़िलहाल तो कई लोग खबर के तह तक जानने की कोशिश में लगे हैं। ———-–——

वी जॉर्ज और जोगी परिवार

दस जनपथ में एक बार फिर वी जॉर्ज की वापसी हो गई है। कभी सोनिया गांधी के बेहद करीबी रहे जॉर्ज की वापिसी से पुराने नेताओं को महत्व मिल सकता है। कुछ लोगों का अंदाजा है कि जॉर्ज के आने से जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी हो सकती है।

बताते हैं कि वापसी की शर्त कुछ इस तरह की होगी कि डॉ. रेणु जोगी चुनाव नहीं लड़ेगी। जोगी परिवार से अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी चुनाव लड़ेंगी। यानी परिवार का कोई और सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। वैसे भी जोगी कांग्रेस के दो विधायक धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा का भाजपा में जाना पक्का है। ऐसे में अजीत जोगी के गुजरने के बाद जोगी परिवार के पास विकल्प सीमित रह गए हैं। जोगी परिवार का जॉर्ज से नजदीकी संबंध हैं। ऐसे में जोगी परिवार कांग्रेस से फिर जुड़ जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। —————

सात्विक सीएम

सीएम भूपेश बघेल ने खान-पान में काफी बदलाव किया है। उन्होंने लहसून-प्याज खाना तक छोड़ दिया है। सीएम कभी नॉनवेज के खूब शौकीन थे, लेकिन अब नॉनवेज से तो पूरी तरह नाता टूट गया है। जब भी वो दौरे पर जाते हैं, अथवा किसी के घर खाने का निमंत्रण होता है, तो उनके लिए बिना लहसून-प्याज का सात्विक भोजन ही बनता है। चाय भी वो बिना दूध के पीते हैं। ऐसा करने के पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं है। अलबत्ता, कुछ हद तक आयुर्वेद के नियमों के मुताबिक खानपान अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। ————

छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टे का दुबई में नेटवर्क

ऑनलाइन सट्टा के कारोबार में भिलाई-दुर्ग के दो युवकों ने देश में अलग ही पहचान बनाई है। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की जोड़ी आईपीएल के दौरान सुर्खियों में रही है। दोनों ने दुबई से प्रदेश के बड़े अख़बार के फ्रंट पेज में अपने एप का विज्ञापन दिया, तो लोगों के बीच खूब चर्चा हुई। बताते है कि आईपीएल मैचों पर करीब 600 करोड़ से अधिक का सट्टा एप के ज़रिये लगा था। पुलिस और प्रशासन के लोग भी दोनों के करीबी लोगो से उगाही करने में व्यस्त रहे और खूब माल भी बनाया। अब एक नई खबर आई है कि दोनों की जोड़ी अब टूट रही है। इसके बाद एक ने दुबई और दूसरे ने क़तर को अपना ठिकाना बना लिया है। दोनों ने सट्टा कारोबार के लिए आईटी एक्सपर्ट्स और मोबाइल एक्सपर्ट्स युवकों की पूरी टीम खड़ी कर ली है। खबर यह भी आई है कि भिलाई, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर और तिल्दा के कई लड़कों को भी वेतन पर विदेश बुला लिया है। इसमें आधे दुबई, क़तर और ऑस्ट्रेलिया से संचालित इनके ऑनलाइन धंधे को सम्हाल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के ऑनलाइन सट्टे का दुबई में नेटवर्क खड़ा हो गया है। सौरभ और उनकी टीम के सदस्यों की सारी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को है लेकिन उनपर कार्रवाई के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। ——————–

विवाद निपटाने की कोशिश

शहर विकास को गति देने के लिए कोशिशें चल रही है। दरअसल, विकास का काम सही ढंग से नहीं चल रह है। ले-आउट पास करने का अधिकार निगम को मिलने के बाद सारा ध्यान इसी पर केंद्रित हो गया है। महापौर और सभापति के बीच टकराहट चल रही है। नगर निगम कमिश्नर की पदस्थापना से नाराजगी की खबर आ रही है। कई नगर निगमों में कमिश्नर, महापौर की नहीं सुन रहे हैं। शहर के विधायकों की नाराजगी भी अपनी जगह है। ऐसे में बड़ी योजनाएं ठप सी हो गई है। अब चुनाव नजदीक है। ऐसे में सब कुछ ठीक करने की दिशा में काम चल रहा है। कितना कुछ ठीक हो पाता है, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। ———————–

जुझारू को पद

भाजपा ने दो अहम बदलाव किए हैं। शिकवा-शिकायतों में माहिर इनकम टैक्स सलाहकार नरेश चंद्र गुप्ता को प्रदेश कार्यालय प्रभारी बनाया है। इसी तरह मीडिया विभाग के चेयरमैन के रूप में सीए अमित चिमनानी की नियुक्ति की है। गुप्ता रमन सरकार में वित्त आयोग के सदस्य रहे हैं। जुझारू है, और आचार संहिता के उल्लंघन की सर्वाधिक शिकायतें उन्होंने ही की है। पुराने भाजपाई परिवार के जूझारू नरेश गुप्ता का वरिष्ठ भाजपा नेता सुभाष राव के बेहद करीबी है। अपने करीबी का चार्ज मिलने से नरेश भी असहज थे। पार्टी ने एक और सीए अमित चिम्मानी को मीडिया का इंचार्ज बनाकर कई लोगों को चौंका दिया है। चुनौतीपूर्ण काम अमित चिम्मानी को देने में पार्टी के बड़े नेताओं की बड़ी भूमिका रही है। ये अलग बात है कि उनका मीडिया में काम करने का अनुभव नहीं रहा है। जबकि उनसे पहले सुभाष राव, रसिक परमार अनुभवी पत्रकार रहे हैं। परमार के बाद आए वैसे तो नलिनेश ठोकने का भी मीडिया से दूर-दूर तक नाता नहीं था, लेकिन वो सुभाष राव व परमार के साथ रहकर काफी कुछ सीख गए थे। ऐसे में चुनावी साल में अमित के लिए मीडिया संभालना चुनौतीपूर्ण होगा।
———

तिरछी-नज़र@रामअवतार तिवारी, सम्पर्क-09584111234

Spread the word