हड़ताल के बाद कर्मचारियों पर बढ़ा फाइलों का दबाव
कोरबा 6 सितंबर। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल 12 दिन तक चलने के बाद टूट गई है। कार्यालयों में कामकाज पटरी पर लौट जरूर आया है लेकिन अब वहां इतने दिनों के बाद फाइलों का दबाव बढ़ गया है। इस चुनौती को पार करने की जिम्मेदारी उसी अमले की है जो हड़ताल पर गया था।
लंबित मामलों को जल्द निपटाने के साथ अगली बैठकों में समीक्षा के दौरान इस बारे में जवाब भी देना है इसलिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि फाइलों को पूरी प्रक्रियाओं के साथ निराकृत किया जाए। सेक्शन से होते हुए अधिकारी के पास तक इन्हें बचाना है और वहां से हस्ताक्षर के बाद यह फाइलें आगे मूव होना है। मौजूदा स्थिति में जिला प्रशासन से लेकर राजस्व, खनिज, आदिवासी विकास, लोक निर्माण ट्रेजरी, पशुधन संचालनालय उद्यानिकी, कृषि, पशुपालन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में इस तरह की फाइलों की संख्या बहुत ज्यादा है। हड़ताल से काम पर लौटने वाले विभागीय कर्मचारियों की व्यस्तता इन कारणों से अब पूर्व की तुलना में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। अधिकारियों को कहा गया है कि वह नियत समय पर कर्मचारियों को अपने टेबल पर देखें और उनसे बेहतर तरीके से काम ले। खास तौर पर सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं को जल्द पूरा करने और इनसे संबंधित फाइलों को अभिलंब पूरा किया जाना है। इसलिए नोट शीट बनाने से लेकर उस पर अगले काम करने के लिए कर्मियों के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं। कहां जा रहा है कि अब की स्थिति में गोल मारने जैसी छूट कर्मचारियों के सामने नहीं है।