लेमरू स्वास्थ्य टीम ने महाअभियान का लक्ष्य किया हासिल
कोरबा 1 सितंबर। सुदूर वन्य क्षेत्र में मुश्किलों से जूझकर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कोविड महाभियान के लक्ष्य को हासिल किया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू की टीम ने अखराडांड़, बडग़ांव व के उबाहर समेत अन्य गांवों में उस वक्त टीकाकरण कार्य किया, जब ग्रामीण दिन-भर खेती-किसानी के बाद घर आते हैं। तब तक शाम हो जाती है और जंगल का खतरा बढ़ जाता है। पर जनहित की मांग व जरूरत को देखते हुए यह दायित्व निभाया गया और कोविड टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया गया।
कलेक्टर संजीव कुमार झा के आव्हान पर सीएमएचओ डा बीबी बोर्डे एवं खंड चिकित्सा अधिकारी डा दीपक कुमार राज के मार्गदर्शन में पूरे जिले के साथ वृहद कोविड टीकाकरण महाअभियान चलाया गया। अभियान का उत्साह दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र लेमरू में भी देखने को मिला। चूंकि ग्रामीण क्षेत्र एवं गांव के लिए यह समय खेती बाड़ी का है। इसलिए नियत समय में जाने पर ही लोग मिलते। खेती के सीजन को ध्यान में रखते हुए एक अलग योजना बनाकर इस महाअभियान को सफल बनाने का प्रयास किया गया। इसके लिए यह योजना बनाई गई कि टीकाकरण के लिए शाम के समय जब लोग खेत से काम करके आ जाएं और थोड़ा बहुत आराम कर लें, इसके बाद टीकाकरण की जाए। इसी योजना के तहत अखराडांड़ में शाम के समय लगभग पांच बजे डा गौतम के नेतृत्व में एक टीम गई।
इसके पूर्व डा गौतम के द्वारा पीएचसी में शाम बजे तक ओपीडी समय में मरीजों का इलाज किया गया था। उसके बाद टीम को लेकर फील्ड में उतरी और भूषण सिंह कंवर व मितानिन शोभावति के साथ घर घर जाकर लोगों हितग्राहियों को कोरोना टीका लगाया गया। इसमें अधिकांश लोग बूस्टर डोज वाले थे। इसके बाद टीम बडग़ांव तथा केउबाहर भी गई तथा शाम 7.30बजे तक घर घर जाकर लोगों को टीका लगाया गया। सघन वन्य क्षेत्र में, जहां भालू के हमले की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, वहां इतनी देर तक टीकाकरण करना जोखिम भरा भी हो सकता है। बावजूद इसके पीएचसी लेमरू की टीम ने घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्य पूर्ण किया। इस प्रकार इस महाअभियान के दिवस में कुल 122 लोगों को इनके टीम द्वारा टीकाकृत किया गया, जिसमें 104 बूस्टर और 18 ग्रामीणों को सेकंड डोज लगाया गया।